पत्रकारों की हो रही दुर्गति- सचिन यादव
पत्रकारों की हत्या व झूठी एफ आई आर कब बंद करेगी सरकार-विधायक
आज के पत्रकार झेल रहे फिजिकल अटैक व लीगल हेरिसमेंट
– फिरोजाबाद की जसराना सीट से सपा विधायक सचिन यादव ने विधान सभा में उठाई पत्रकारो की समस्या
– विधायक बोले खत्म हो रही है इन्वेस्टीगेशन रिपोर्टिंग यानी खोजी पत्रकारिता
– पत्रकारो के हितो की रक्षा के लिए आखिर सरकार कब करेगी कमेटी का गठन
फिरोजाबाद : जसराना विधान सभा से समाजवादी पार्टी के विधायक सचिन यादव ने मंगलवार को विधान सभा में पत्रकारो की समस्याओं को लेकर सवाल उठाया l सदन में कहा कि मौजूदा दौर में पत्रकार फिजिकल अटैक, लीगल हेरिमेंट झेल रहा है l उस पर इकोनामी प्रेशर है अगर वे जनता के हिसाब से न्यूज नहीं निकलेगा तो उसे एड्रेस प्रेजमेंस नहीं मिलेगा l ऐसे में इन्वेस्टीगेशन रिपोर्टिंग यानी खोजी पत्रकारिता खत्म हो रही है l विधायक ने सरकार से कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए क्या सरकार कोई कमेटी गठित करेगी? और यह कमेटी कब तक गठित होगी?
विधान सभा में सपा विधायक ने पत्रकारो के हितो को लेकर उठाए गए सवालो की शुरुआत 1780 में शुरू हुए सबसे पहले अख़बार का उल्लेख करते हुए किया l कहा कि हमारे देश में पहली बार ‘बंगाल गैजेट’ अखबार 1780 में चालू हुआ था जिसने ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में लिखा था जो उस वक़्त की सबसे मजबूत संस्था थी और अख़बार ने फ्रीडम मूमेंट की नीव रखी l
1818 में राजाराम मोहन राय जी ने भी अख़बार की स्थापना की जो सोशल रिसपांश में सबसे पहला अखबार था जिसने सती जैसी प्रथाओ को खत्म करने का काम किया l पिछले कुछ सालो में पत्रकारो के साथ हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए विधायक ने कहा कि अजीत, दिग्विजय सिंह, मनोज गुप्ता जो बलिया में पेपर लीक होने पर समाचार कवर करने गए वे जेल गए l विष्णु शास्त्री, लोकमान्य तिलक जी ने अखबार चलाया वे भी जेल गए l
गणेश शंकर विद्यार्थी जी कानपुर में ‘प्रताप’ अखबार की स्थापना की जिससे प्रभावित होकर भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी निकलें और वे सभी लोग जेल गए, अंजुम खां ने दिल्ली में ‘कौमे आजादी’ अखबार चलाने की वजह से जेल गए और जहां -जहां वो अखबार पाया जाता था वो लोग भी जेल गए आज भी वही स्थिति है हाथरस में गैंगरेप हुआ जो घटना कवर करने जा रहे थे वे भी जेल गए l
जनसंदेश टाइम के पत्रकार जेल गए l विशाल, गौरव, आशीष, सुमित मिश्रा जेल गए पीलीभीत में सेक्स स्कैडल को उजागर करने वाले जर्नलिस्ट को जेल जाना पड़ा l कोविड के समय बहुत से पत्रकार जेल गए l इतना ही नहीं कई पत्रकारो के मर्डर हो चुके हैं l जिसमें नवीन गुप्ता, राकेश निर्भीक, सुलभ श्रीवास्तव, राजन कश्यप, आशीष धीमान, राघवेन्द्र बाजपेयी शामिल हैं l
विधायक श्री यादव ने सदन में कहा कि आज के जो जर्नलिस्ट यानी पत्रकार हैं वे फिजिकल अटैक व लीगल हेरिमेंट झेल रहे हैं, इन पर इकोनामी प्रेशर है अगर वे लोगों के हिसाब से न्यूज नहीं निकालते तो उन्हें एड्रेस प्रेजनेन्स नहीं मिलेगा l ऐसे में खोजी पत्रकारिता खत्म हो रही है l
राईट टू एक्सेस नहीं है उन्हें (पत्रकारों) को जाने से रोक दिया जाता है उनके इक्यूपमेंट व कैमरे तोड़ दिए जाते हैं l विधायक ने कहा जो मैंने सवाल किया है क्या सरकार का उसमें जवाब आएगा और पत्रकारो की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्या सरकार कोई कमेटी गठित करेगी? और कमेटी गठित करेगी तो कब तक करेगी?
रिपोर्टर- J P सिंह
