सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दी सीएम योगी को ‘धमकी मंत्रालय’ बनाने की सलाह

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लखनऊ। यूपी के गाजियाबाद जिले की लोनी विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बीते दिन चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर को खुली धमकी दी थी। जिसको लेकर अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीएम योगी को आड़े हाथ लेते हुए निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने वीडियो पोस्ट ​करते हुए लिखा कि सीएम योगी को ‘धमकी मंत्रालय’ बनाने की सलाह दी है। तो वहीं कांग्रेस ने भी तीखे शब्दों में अलोचना की है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स में लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री जी को उप्र में भाजपा के विधायकों को समायोजित करने के लिए एक ‘धमकी मंत्रालय’ भी बना देना चाहिए। इस मंत्रालय में मंत्री बनने के लिए उनके पास अपनी पार्टी के एक-से-एक योग्य उम्मीदवार पहले से ही हैं। वैसे चाहें तो वो ये मंत्रालय ख़ुद भी रख सकते हैं, क्योंकि इस विशिष्ट क्षेत्र में उनसे अधिक योग्यता व अनुभव और किसी के पास है भी नहीं।

वहीं कांग्रेस ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है, ए कमिश्नर तेरी मां ने दूध पिलाया है तो कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना। तेरी गोली होंगी, हमारे सीने होंगे। यह कहना है गाज़ियाबाद से भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर का। बताइए! जब एक विधायक की चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर के प्रति यह भाषा है तो आम कार्यकर्ताओं की क्या भाषा होगी? भाजपा के आचार, विचार, संस्कार और व्यवहार की सच्चाई यही है। इन निकम्मों से इससे बेहतर की उम्मीद करना ही बेईमानी है।

दरअसल, बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और उनके समर्थक राम कथा की कलश यात्रा निकाल रहे थे। जिनको पुलिस ने परमिशन न होने की बात कहकर रोकने की कोशिश की। साथ ही पुलिस ने तेज आवाज में डीजे में गाना बजाने पर भी रोक लगाई। जिस पर विधायक और उनके समर्थक भड़क उठे। स्थिति ऐसी बनी कि विधायक और उनके कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की। जिसके बाद विधायक नंदकिशोर पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए। फिर क्या था विधायक नंदकिशोर ने चीफ सेक्रेटरी और कमिश्नर को खुली धमकी दे डाली।

विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा, चीफ सेक्रेटरी अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है, ए कमिश्नर तेरी मां ने दूध पिलाया है तो कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना। तेरी गोली होगी, हमारे सीने होंगे। 28 तारीख के बाद समय चीफ सेक्रेटरी का होगा। माननीय योगी जी ने हमसे कहा था कि बोलना नहीं। हम चुप थे। पुलिस अन्‍याय कर रही थी। मेरे कार्यकर्ता को 11 हजार रुपये लेकर छोड़ा। एक कार्यकर्ता को इंस्‍पेक्‍टर ने पैसे लेकर छोड़ा। हमारी बहन सरिता चौधरी के साथ दरिंदों ने मारपीट की। आखिर कब तक चुप रहेंगे।

-साभार सहित




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