शंकराचार्य जी हमारे धर्म के राजा है, उन पर अपमानजनक टिप्पणी करना वास्तव में महापाप है: प्रेमानंद महाराज

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प्रयागराज। उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के समर्थन में उतरे परम् पूज्य श्री प्रेमानंद महाराज ने कहा कि शंकराचार्य हमारे धर्म के राजा है वो सनातन धर्म और शास्त्र के विपरीत एक शब्द नहीं बोलेंगे।

परम् पूज्य श्री प्रेमानंद महाराज ने कहा कि चारों मठ में जो शंकराचार्य बैठे है वो अद्भुत विद्वान,शास्त्र के मर्मज्ञ और शास्त्र के प्रमाणित बात बोलेंगे। उन्होंने कहा कि जो आचार्य पीठ पर विराजमान है संसार चाहे उनकी निंदा करे या आलोचना करे उन्हे कोई फर्क नहीं पड़ता।

प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि शंकराचार्य जी हमारे धर्म के भगवान है। उनका एक शब्द भी शास्त्र के विपरीत नहीं होता। लेकिन आज उनकी मान कौन रहा है? प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि आज कुछ लोग तो उनको शास्त्र सिखाने लग जाते है अगर वो कुछ बताते है तो कुछ लोग उनको ही उल्टा सीधा बोलने लगते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज की सभी बाते धर्म शास्त्र के पक्ष में और तर्कसंगत होती है आप भी सुने और सही को सही ही कहे। प्रेमानंद महाराज ने अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ट्रोल करने वालों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म का गलत उपयोग कर रहे हैं और समाज को भ्रमित कर रहे हैं।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जगत गुरु भगवान शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी समेत चारों शंकराचार्य पर अपमानजनक टिप्पणी करना वास्तव में महापाप है। यह एक ऐसा समय है जब लोग आध्यात्मिक ज्ञान और शांति की तलाश में आते हैं, और ऐसे में किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी करना उचित नहीं है¹।

वृन्दावन के प्रेमानन्द जी का यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें यह याद दिलाता है कि हमें अपने शब्दों और कार्यों में सावधानी और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। महाकुंभ जैसे आयोजनों में लोगों को एक साथ आने और आध्यात्मिक ज्ञान का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलता है, और ऐसे में हमें अपने शब्दों और कार्यों में शांति और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए। बताते चलें कि आज कुछ विधर्मी और पाखंडी लोग शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद जी को गाली दे रहे है।

साभार सहित




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