मथुरा में ‘संस्कार महाकुंभ 2025’: राष्ट्रीय संगोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन

Press Release

मथुरा: हिंदी दिवस पर समाज हित में कार्यरत आदर्श युवा समिति की विशेष कार्य परियोजना आदर्श संस्कार शाला द्वारा संस्कार महाकुंभ 2025, राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह बीएसए कॉलेज, मथुरा में आयोजित किया गया. इस अवसर पर राष्ट्रहित और समाजहित में योगदान देने वाली कई विभूतियों को सम्मानित किया गया.

संस्कार ही जीवन की धुरी: मुख्य अतिथि

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य मंत्री (श्रम एवं सेवा नियोजन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन) श्री मनोहर लाल (मन्नूकोरी) ने कहा कि संसार में सुखी रहने के लिए संस्कार आवश्यक हैं. उन्होंने कहा, “हम आधुनिक युग में जी रहे हैं, लेकिन हमें अपने पुरातन संस्कारों को नहीं भूलना चाहिए. बच्चों को समय देकर उन्हें आदर और मान-सम्मान सिखाना होगा. शिक्षक भी शिक्षा के साथ संस्कार की सीख दें, यही आज की सबसे बड़ी जरूरत है.”

समाज को बदलने की आवश्यकता

महामंडलेश्वर श्री महंत डॉ अशोक योगी, पीठाधीश श्री बैकुंठ धाम मठ आश्रम, दिल्ली ने युवाओं की समस्याओं पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि नशे और अवसाद से जूझ रहे युवा रेडीमेड जीवन की ओर भाग रहे हैं. संस्कारों की दूरी समाज को खोखला बना रही है, इसे बदलना होगा.

दिशा और परंपरा पर बल

महामंडलेश्वर आदियोगी पुरी (संस्थापक, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय देहरादून एवं विश्व गुरु गठबंधन) ने कहा कि दिशाहीनता हमें अंधकार की ओर ले जा रही है. “बड़ों से उठना-बैठना भूल जाना और ईश्वर की शक्ति में विश्वास कम होना चिंताजनक है,” उन्होंने कहा. वहीं, वृंदावन के पीपा द्वाराचार्य श्री बाबा बलराम दास ने सनातन परंपरा को पहचानने और उससे सीखने की जरूरत पर बल दिया.

सहकारिता और संस्कार का रिश्ता

पूर्व आईएएस डॉ कमल टावरी (भाई कमलानंद जी) ने कहा कि सहकारिता और संस्कार एक-दूसरे से जुड़े हैं. सहकारिता के बिना संस्कार अधूरे हैं और इनके सहारे ही उन्नति संभव है.

अन्य वक्ताओं के विचार

अखिल भारतीय पंचायत परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष बाबू वाल्मिकी सिंह ने कहा कि गांवों में आज भी संस्कार जीवित हैं, हमें अपनी ग्रामीण पृष्ठभूमि और संस्कृति से सीख लेनी चाहिए. इस अवसर पर विधायक पूरन प्रकाश और राज्यमंत्री मन्नूकोरी ने अतिथियों व देशभर से आए कर्मयोगियों का सम्मान किया.

पुस्तक लोकार्पण और पत्रिका विमोचन

कार्यक्रम में कवि दीपक कुमार गोस्वामी की पुस्तक संघर्ष की हद तक का लोकार्पण किया गया. संस्कार पोथी पत्रिका के मुख्य पृष्ठ का विमोचन और आर संवाद सकारात्मक समाचार समूह का लोकार्पण भी किया गया.

देशभर से आए समाजसेवी और कर्मयोगी सम्मानित

समारोह में देशभर के कर्मयोगियों और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया. इनमें विश्व गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर परम् कुमार, संदीप छीपा, रोहित मीणा, अशोक खेड़ला, सूरज सिंह महावर, किशोरी सेन, समय सिंह अवाना, कृष्ण कुमार सैनी, हीरा लाल महावर, जितेंद्र शर्मा, अमन कवीर, डॉ संजय कुमार, तुलेश्वरी धुरंदर, सावित्री साहू, ललिता कश्यप, डॉ प्रतिभा जे. चौहान, बीना केदावत, विपुल हजारिका, उत्तम दास, मिनेश पटेल, कर्नल जसवंत सिंह चंदेल, विनय कंसल, सजीव सारथी (जो पॉडकास्ट के साथ कई फिल्मों के गीत भी लिख चुके हैं), सुनील कुमार साहू, अवधेश कुमार, अमरीश त्यागी, डॉ जयवंती भट्टाचार्य, लवली नोहलखा, सोनू रजक, राजेश सुमन, एस.पी. कोसरे, नीरज राव, डॉ गणपति हेगड़े, सुनील कुमार बोहिर, रश्मि गोले, प्रशांत त्रिवेदी, कृष्णवीर सिंह तोमर, दामोदर जैन, डॉ एस. गणपति, शेखर सोनी, डॉ सच्चिदानंद, राहुल खटे, संतोष सुरुडकर, धीरेंद्र शर्मा, अमन कुमार सिंह, डॉ राकेश वशिष्ठ, डॉ दौलत राम माल्या, कीर्ति शर्मा, दिनेश आचार्य, लता शर्मा, जितेंद्र शर्मा, डॉ कैलाश चंद्र यादव, सुनील कुमार, कृष्णा फौजदार, एस.पी. हिमांशु, पर्दियो शिसाथ, अजय तिवारी और आशीष गुप्ता शामिल रहे.

आयोजन समिति और संचालन

संस्था के संस्थापक राजेंद्र प्रसाद गोस्वामी और अतुल उपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में डॉ रविकांत गोस्वामी, जगत नारायण अग्रवाल, गोपाल भगत, अमित वाष्णेय, जितेंद्र अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, पूजा गुप्ता, डॉ धनंजय तिवारी, राजेश कुमार शर्मा, अमित अग्रवाल, विकास पराशर, पूरन कौशिक, बाबा गोपेश, सत्यमित्रानंद, उदयन शर्मा, सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, डॉ एस.पी. गोस्वामी और देवेंद्र गोस्वामी भी मौजूद रहे.
संस्था की प्रस्तावना दीपक कुमार गोस्वामी ने प्रस्तुत की, जबकि संचालन अरविंद कवीरपंथी और चंद्रिका ने किया.

-हिमांशु जोशी

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