प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने कहा है कि उनके पास केवल अमेठी ही नहीं, बल्कि पूरे देश से सक्रिय राजनीति में आने के लिए फोन आ रहे हैं। अमेठी से बात ज्यादा इसलिए उठ रही है क्योंकि उन्होंने 1999 से वहां लोगों के बीच प्रचार किया और वहां पोस्टर भी लगने शुरू हुए। अब दूसरी जगह भी पोस्टर लग रहे हैं क्योंकि सबको लग रहा है कि आप हमारी तरफ से आइए, हमारे क्षेत्र से आइए क्योंकि हमने आपकी मेहनत देखी है। आप गांधी परिवार के सदस्य हैं। लोगों ने देखा है कि गांधी परिवार ने इस देश के लिए कितना किया है, करते आए हैं और करते रहेंगे।
एक न्यूज़ एजेंसी से विशेष बातचीत में रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अमेठी के लोगों को लगता है कि अगर मैं वहां से चुनाव लड़ूं तो उन्होंने जो गलतियां की हैं, स्मृति ईरानी को सांसद बनाने की जो भूल चूक हुई है उससे वो आगे बढ़ेंगे और मुझे भारी बहुमत से जिताएंगे लेकिन मैं किसी को चुनौती देने के लिए नहीं लडूंगा। हालांकि, स्मृति ईरानी ने संसद में मेरे नाम का गलत इस्तेमाल किया और बेबुनियाद आरोप लगाए। वह महिला हैं, मैं उनका आदर करता हूं पर अगर कोई भी ऐसे आरोप लगाते हैं तो साबित करना बहुत जरूरी है।
वाड्रा ने कहा कि अमेठी के लोगों को लगा कि अगर मैं राजनीति में आता हूं तो मैं उन्हें उन्हीं के लेवल पर जवाब दे पाऊंगा। मेरी मेहनत जारी है और आगे अगर लोगों को लगेगा कि मैं बदलाव ला सकता हूं और कांग्रेस को लगेगा कि मुझे आना चाहिए, परिवार का आशीर्वाद रहेगा तो मैं जरूर सक्रिय राजनीति में आऊंगा।
मैं लोगों के बीच जाकर उनकी आवाज बुलंद करता हूं
राहुल गांधी के वायनाड के साथ अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ने के मुद्दे पर भी वाड्रा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी को लगेगा कि मैं सक्षम हूं या बदलाव ला सकता हूं, जो लोग चाहते हैं और देखते हैं कि जहां भी मैं रहूंगा जिस भी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूंगा, उसमें बदलाव रहेगा और जरूर एक सेक्युलर एरिया रहेगा। जो बेरोजगारी के मुद्दे हैं, महिला सुरक्षा या जब भी कोई ऐसा मुद्दा आता है देश में, तो मैं जरूर लोगों के बीच जाकर उनकी आवाज बुलंद करता हूं। अपने सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचता हूं या अपने धार्मिक दौरे या चैरिटी के दौरे जो देशभर में करता हूं, उसमें जाकर लोगों से मिलता हूं।
खुशी होगी अगर राहुल फिर से अमेठी के सांसद बनेंगे
रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि अगर राहुल को लगेगा कि वायनाड के बाद उनको अमेठी से भी आना चाहिए तो मैं उनको मुबारकबाद देता हूं। मुझे खुशी होगी अगर राहुल गांधी एक बार फिर अमेठी से सांसद बनें। मैं उनके साथ प्रचार में रहूंगा और अमेठी क्या पूरे देशभर में रहूंगा। मुझे राजनीति में रहने की नहीं लोगों के बीच में रहने की जरूरत है। अगर कभी राहुल या प्रियंका से नहीं मिल पाते हैं तो समर्थक मुझसे मिलते हैं, अपनी बात रखते हैं और मैं अपने परिवार से जिक्र करता हूं, उनके बारे में। राहुल और प्रियंका भी देखेंगे कि रायबरेली में कैसा माहौल है, क्या जरूरतें हैं।
रॉबर्ट वाड्रा से जब पूछा गया कि कांग्रेस ने रायबरेली में बहुत मेहनत भी की है बहुत लंबे समय तक, तो आपको क्या लगता है कि वहां से कौन आ सकता है?
उन्होंने कहा कि वहां के लोग बहुत खुश हैं गांधी परिवार से, रायबरेली कई बार मैं गया हूं। सोनिया जी बहुत मेहनती हैं, लेकिन उनकी एक उम्र है, उनको लग रहा है कि कोई और वहां से उनकी जगह उतनी ही मेहनत करे। उस लायक जो भी होगा वो रायबरेली को रिप्रेजेंट करेगा और वहां मेहनत उतनी ही करेगा। राहुल और प्रियंका भी देखेंगे कि रायबरेली में कैसा माहौल है, क्या जरूरतें हैं और उनकी जरूरतें पूरी करेंगे। जो भी होगा पूरे परिवार की मेहनत उतनी ही रहेगी, देखने के लिए कि रायबरेली और अमेठी और प्रगति करें। अगर स्मृति ईरानी या जो भी हैं, वो नहीं कर पा रहे तो पूरा परिवार लगेगा मेहनत करने में और देखेंगे कि वहां के लोग खुश रहें और सेक्युलर रहें।
कोई भी ऐसा नेता नहीं होगा जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक पहुंचा है
इंडिया गठबंधन की तरफ से पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी को पेश नहीं किए जाने के सवाल पर भी वाड्रा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लोग उनको चाहते हैं और उनकी मेहनत को समझ रहे हैं। कोई भी ऐसा नेता नहीं होगा जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक पहुंचे हैं, फिर उन्होंने न्याय यात्रा भी की, जिसे पूरे देश ने देखा कि कितनी मेहनत की और मैं खुद उनके साथ उनकी यात्रा में था। जहां मैंने देखा कि लोग बहुत ही प्रेम से उनसे मिले। उनकी मुश्किलों को राहुल ने समझा और ये एक प्रचार नहीं था, ये लोगों से मिलने की जरूरत उनको लगी और उन्होंने मेहनत की लोगों से मिले और उनके दुख-दर्द को समझा। वो जरूर अपनी मेहनत से देश में आगे प्रगति लाएंगे। जो गठबंधन बना है, बहुत ही समझदार लोगों के साथ बना है। यही गठबंधन है, जिससे मुझे लगता है कि देश में जो बदलाव की जरूरत है, वो लेकर आएंगे और ये मेरा खुद का अनुभव है। मैं कोई इंडिया गठबंधन का प्रवक्ता नहीं हूं लेकिन, ये मेरा अनुभव है। मैं बहुत लोगों से मिलता हूं दफ्तर के बाहर और घर के बाहर बहुत सारे लोग आते हैं और वो अपने दर्द और मुश्किलें बताते हैं, तो उससे मेरा अनुभव है कि लोगों को बदलाव चाहिए।
-एजेंसी