वोट चोरी के आरोपों पर गरजे राहुल गांधी, रामलीला मैदान से BJP, RSS पर सीधा हमला, बोले—यह सत्य और असत्य की लड़ाई

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नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित ‘वोट चोरी महारैली’ में पार्टी नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), RSS और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इस संघर्ष को सत्य और असत्य के बीच की लड़ाई बताते हुए केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप के गंभीर आरोप लगाए।

राहुल गांधी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी बहादुरी केवल सत्ता तक सीमित है। उन्होंने दावा किया कि जब उन्होंने संसद में वोट चोरी को लेकर सवाल उठाए थे, तब अमित शाह को सफाई देनी पड़ी थी और वह घबराए हुए नजर आए। राहुल गांधी ने कहा, “जब तक सत्ता है, तभी तक बहादुरी है। संसद में सफाई देते समय उनके हाथ कांप रहे थे।”

रैली के दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग BJP सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और निष्पक्षता से समझौता किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता के दम पर वोट चोरी की जाती है और चुनाव के समय मतदाताओं को प्रभावित किया जाता है। राहुल गांधी ने कुछ चुनाव आयुक्तों के नाम लेते हुए कहा कि चुनाव आयोग और सरकार के बीच की मिलीभगत लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयुक्तों से जुड़े कानून में बदलाव इसलिए किया गया ताकि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न हो सके। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि सत्ता में आने पर कांग्रेस इस कानून को बदलेगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सत्य के साथ खड़ी है, जबकि विरोधी असत्य के साथ।

राहुल गांधी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के अंडमान-निकोबार में दिए गए एक कथित बयान का हवाला देते हुए RSS की विचारधारा पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि गांधीजी के अनुसार सत्य सबसे बड़ा मूल्य है और भारतीय परंपरा में सत्य को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। इसके विपरीत, RSS की सोच शक्ति को सत्य से ऊपर मानती है।

अपने संबोधन के अंत में राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस सत्य के मार्ग पर चलकर नरेंद्र मोदी, अमित शाह और RSS की विचारधारा वाली सरकार को सत्ता से हटाएगी। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल सत्ता की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई है।

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