नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि, भाजपा चुनाव में धांधली कर रही है। बिहार में वोटर लिस्ट से नाम गायब हो गए। अब ये लिस्ट सही है या गलत, चुनाव आयोग इसका जवाब दे।
अब वोटिंग लंबे-लंबे समय तक होती है। लोकसभा चुनाव में हमने देखा। मेरा सवाल है कि वोटिंग एक दिन में खत्म क्यों नहीं होती।
राहुल ने कहा- डेमोक्रेसी में सत्ताधारी पार्टी को एंटी-इन्कंबेंसी का सामना करना पड़ता है। ये सामान्य सी बात है, लेकिन भाजपा को कभी भी इसका सामना नहीं करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आपने हरियाणा चुनाव, मध्य प्रदेश चुनाव में देखा, और फिर अचानक नतीजे पूरी तरह से अलग दिशा में जाते हुए बड़े बदलाव के साथ दिखाई दिए।
राहुल गांधी ने SIR को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने कहा कि संविधान की नींव वोट है। ऐसे में सोचना होगा कि क्या सही लोगों को वोट डालने दिया जा रहा है? क्या मतदाता सूची में फर्जी वोटर्स जोड़े गए?
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि महाराष्ट्र का चुनाव चोरी किया गया। हम महाराष्ट्र में चुनाव हार गए। महाराष्ट्र में 40 लाख वोटर रहस्यमयी है। राहुल गांधी का आरोप है लोकसभा चुनाव 2024 और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के बीच इन मतदाताओं को जोड़ा गया है। वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए क्या वोटर लिस्ट सही है या गलत? कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा क्यों नहीं देता हमने आयोग से बार-बार डेटा मांगा लेकिन हमें नहीं दिया गया। यहां तक कि चुनाव आयोग ने हमें जवाब देने से भी इनकार कर दिया।
वोटों की चोरी पकड़ने में छह महीने का वक्त लगा- राहुल
इस दौरान राहुल गांधी ने सवाल पूछा शाम पांच बजे के बाद वोट क्यों बढ़े चुनाव आयोग इसका जवाब दें। राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वोटों की धांधली के मामले में चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं. लेकिन आयोग ने एक भी जवाब नहीं दिया। इस दौरान राहुल गांधी ने दावा किया कि हमें वोटों की चोरी पकड़ने में छह महीने का वक्त लगा है।
पिछले 15 दिनों में यह चौथा मौका होगा, जब राहुल इलेक्शन कमीशन पर निशाना साध रहे हैं। इससे पहले 2 अगस्त को राहुल ने कहा था कि भारत का इलेक्शन सिस्टम मर चुका है।
वहीं राहुल ने 1 अगस्त को कहा था कि, चुनाव आयोग वोटों की चोरी करा रहा है। हमारे पास एटम बम है। जब फटेगा तो चुनाव आयोग बचेगा नहीं।
राहुल के आरोप
चुनाव आयोग क्या छिपा रहा है, कोई भी रिकॉर्ड हटाना नहीं चाहिए।
चुनाव आयोग डिजिटल वोटर रोल को शेयर करने से मना कर देता है।
नियम बदल देते हें कि सीसीटीवी फुटेज किसी को नहीं दी जााएगी।
2 अगस्त को बोले संविधान की रक्षा करने वाली संस्था को मिटा दिया गया
संविधान की रक्षा करने वाली संस्था को मिटाकर उस पर कब्जा कर लिया गया है। हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो पूरे देश को दिखा देंगे कि चुनाव आयोग जैसी संस्था का कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह गायब हो गई है। चुनाव आयोग जैसी संस्था ठीक से काम नहीं करती। आपको जानकर हैरानी होगी कि चुनाव आयोग जो दस्तावेज उपलब्ध कराता है, उन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग मतदाता सूची पर स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन क्यों लागू करता है?
1 अगस्त 2025 को राहुल बोले- मेरे पास चोरी के 100% सबूत हैं
राहुल ने आगे कहा कि मैं इसे हल्के में नहीं, बल्कि सौ प्रतिशत प्रमाण के साथ कह रहा हूं। जैसे ही हम इसे जारी करेंगे, पूरे देश को पता चल जाएगा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चुराने का काम कर रहा है। हमें मध्य प्रदेश चुनाव, लोकसभा चुनाव में शक था, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान हमारा शक और बढ़ गया।
24 जुलाई 2025 को बोले आप सोचते हैं कि बच जाएंगे, ये आपकी गलतफहमी है
चुनाव आयोग ने कर्नाटक की एक सीट पर धोखाधड़ी कराई। हमारे पास इसके 100% सबूत हैं। एक ही निर्वाचन क्षेत्र में 50, 60 और 65 साल के हजारों नए वोटरों को सूची में जोड़ा गया है और 18 साल से ज्यादा उम्र के वोटरों को सूची से हटा दिया गया है। हमे अभी एक सीट की जांच में यह गड़बड़ी मिली। मुझे पूरा यकीन है कि हर सीट पर यही नाटक चल रहा है। मैं चुनाव आयोग को एक मैसेज देना चाहता हूं। अगर आपको लगता है कि आप इससे बच निकलेंगे, तो ये आपकी गलतफहमी है।
ECI का जबाब था- कांग्रेस को आपत्ति तो कोर्ट जा सकती है
चुनाव आयोग ने 2 अगस्त को राहुल को 24 जून को भेजा गया लेटर जारी किया था। लेटर में लिखा है कि कांग्रेस ने पहले भी नवंबर 2024 के चुनावों के बाद ऐसे ही आरोप लगाए थे, जिनका विस्तृत जवाब 24 दिसंबर 2024 को दिया गया था।
पत्र में बताया गया है कि चुनाव पूरी पारदर्शिता से, कानून के अनुसार और हजारों अधिकारियों की निगरानी में कराए गए। आयोग ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस को कोई कानूनी आपत्ति थी तो वह कोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल कर सकती थी। चुनाव आयोग ने लिखा, फिर भी यदि राहुल गांधी को कोई और शिकायत है, तो वे आयोग को लिख सकते हैं या व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर सकते हैं। आयोग ने बातचीत के लिए तारीख और समय तय करने का सुझाव भी दिया है।
– साभार सहित