वोटर अधिकार यात्रा में बाइक चलाते नज़र आये राहुल गांधी व तेजस्वी यादव, कांग्रेस बोली- INDIA हंसते जाना है, आगे बढ़ते जाना है …

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पूर्णिया। कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा में पूर्णिया जिले में रविवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का फिर अलग अंदाज देखने को मिला है।

बिहार कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर राहुल गांधी के मोटरसाइकिल चलाने का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में राहुल गांधी यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं के साथ बाइक चलाते नजर आ रहे हैं। जिस बाइक को राहुल गांधी चला रहे हैं उसकी पिछली सीट पर बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम नजर आ रहे हैं।

पूर्णिया जिले में यात्रा की शुरुआत बाइक पर ही हुई है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी खुश्कीबाग से निकलकर लाइन बाजार, पंचमुखी मंदिर, रामबाग और सिटी इलाके से गुजरते हुए कसबा और अररिया होते नरपतगंज तक पहुंचे। राहुल गांधी के बाइक चलाने का वीडियो शेयर करते हुए बिहार कांग्रेस ने लिखा, ‘ INDIA हंसते जाना है, आगे बढ़ते जाना है …’।

रविवार को वोटर अधिकार यात्रा पूर्णियां जिले में शुरू हुई। इस दिन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी यहां मोटरसाइकिल चलाते नजर आए। एक वीडियो सामने आया है जिसमें नजर आ रहा है कि राहुल गांधी हेलमेट लगाकर मोटरसाइकिल चला रहे हैं। उनके साथ कांग्रेस के कई कार्यकर्ता सड़क पर मोटरसाइकिल लेकर चल रहे हैं। पूर्णिया की सड़कों पर राहुल गांधी के साथ कई नेता भी नजर आए। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट रहे थे। कुछ सुरक्षाकर्मी सड़क पर दौड़ते भी नजर आ रहे थे।

इससे पहले कटिहार में भी राहुल का अलग अंदाज दिखा था। यहां खेत में किसानों को काम करते देख राहुल गांधी उनके बीच पहुंच गए। मखाना फोड़ियों की समस्या जानने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी का काफिला आगे बढ़ा। इसी बीच उनकी नजर मखाना के खेत में (तालाब में) काम कर रहे मजदूरों पर पड़ी। उनका काफिला चरखी के पास रुक गया। वे गाड़ी से उतरे, पैंट घुटनों तक मोड़ी और जा पहुंचे तालाब में मखाना के पौधों के बीच। उन्होंने वहां मौजूद किसान और मजदूरों से बातचीत की।

उन्होंने न सिर्फ मजदूरों की समस्या को जाना बल्कि पौधे से मखाना निकाला और चखकर देखा। यहां मौजूद किसान मो. खुर्शीद आलम, मो. सुल्तान, मो. शरीफ, मो. महमूद ने राहुल गांधी को बताया कि उन्हें पानी में खड़े होकर काफी समय तक काम करना पड़ता है। इसके बावजूद मात्र 40 रुपए प्रति किलो की मजदूरी मिलती है, जबकि उनकी मजदूरी 70 रुपए प्रति किलो तक होनी चाहिए। राहुल ने उन्हें भी बेहतरी का आश्वासन दिया और मखाना खेती की पूरी प्रक्रिया समझी।

साभार सहित

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