रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में नाटो देशों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने यूक्रेन में सेना भेजी तो उन्हें परमाणु संघर्ष का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि फिनलैंड और स्वीडन के नाटो गठबंधन में शामिल होने के बाद रूस को अपने पश्चिमी सैन्य जिले को मजबूत करना चाहिए।
पुतिन ने यह भी कहा कि पश्चिम का कहना है कि रूस कथित तौर पर यूरोप पर हमला करने जा रहा है, यह बकवास है। उन्होंने यह भी कहा कि विदेश नीति में पश्चिम के खतरनाक कार्यों और बयानों से परमाणु संघर्ष और सभ्यता के विनाश का खतरा है। पुतिन ने दो टूक कहा कि रूसी संघ की स्ट्रैटजिक न्यूक्लियर फोर्स पूरी तरह से तैयार हैं।
रूस के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया
पुतिन ने रूसी संसद में अपने वार्षिक संबोधन के दौरान कहा, “रूस किसी को भी अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जिसने भी रूस पर आक्रमण करने की कोशिश की, उसे द्वितीय विश्व युद्ध की तुलना में अधिक कठोर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि उनके देश के पास अब ऐसे हथियार हैं जो दुश्मन के इलाके पर निशाना साध सकते हैं। उन्होंने कहा, “, “वे [पश्चिम] अब जो कुछ भी लेकर आ रहे हैं, जिससे वे पूरी दुनिया को डरा रहे हैं… यह सब वास्तव में परमाणु हथियारों के उपयोग के साथ संघर्ष की धमकी देता है, जिसका अर्थ है सभ्यता का विनाश।”
पुतिन ने अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप
अपने दावे को दोहराते हुए पुतिन ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को भीतर से कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। पुतिन ने यह भी कहा कि अमेरिका, रूस को रणनीतिक हार देने की कोशिश कर रहा है। पुतिन ने कहा कि रूस के अधिकांश लोग ‘विशेष सैन्य अभियान’ का समर्थन करते हैं।
रूस की संसद में पुतिन का वार्षिक संबोधन राष्ट्रपति चुनाव से दो हफ्ते पहले हो रहा है, जिसमें उनके फिर से जीतने की पूरी उम्मीद है। पुतिन दो दशकों से अधिक समय तक राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में रहे हैं। उन्होंने एक और कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जिसमें उनके मुकाबले के दूसरे उम्मीदवार काफी कमजोर हैं।
-एजेंसी