राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर फहराया तिरंगा, गणतंत्र दिवस परेड में जमीन से आसमान तक दिखी भारत की शक्ति

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आज भारत 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह 10.30 बजे कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया। इसके साथ ही सेना के हेलिकॉप्टरों ने पुष्प वर्षा की। गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू हुई  शुरू हुई जो 90 मिनट तक चली। इस बार मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी समारोह में मौजूद रहे। गणतंत्र दिवस परेड में सेना ने अपनी झांकी में स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन किया।

वायुसेना का फ्लाईपास्ट बना आकर्षण

वायु सेना का फ्लाई-पास्ट चार Mi-17 हेलीकॉप्टर्स के फ्लैग फॉर्मेशन से शुरू हुआ। इनमें हेलीकॉप्टर्स तिरंगा और सैन्य बलों के झंडे लेकर उड़ान भरा। इसके बाद राफेल, मिग-29, सुखोई-30, और जैगुआर जैसे फाइटर जेट्स ने त्रिशूल, वजरंग और कटार जैसे रोमांचक फॉर्मेशन बनाए। इससे पूरे कर्तव्य पथ पर रोमांच भर गया।

एमपी की झांकी में नजर आए कूनो के चीते

मध्य प्रदेश की झांकी ‘चीता- द प्राइड ऑफ इंडिया’ पर आधारित थी। इसमें वन्यजीवों को प्रमुखता से दर्शाया गया था। बता दें कि मध्य प्रदेश ने चीतों की जनसंख्या बढ़ाने का कैंपेन शुरू किया है। इसके तहत कूनो नेशनल पार्क में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से चीते लाए गए हैं।

उत्तर प्रदेश की झांकी में दिखी महाकुंभ की झलक

उत्तर प्रदेश की झांकी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ पर आधारित रही। इस झांकी में प्रयागराज में 144 वर्षों के बाद हो रहे महाकुंभ की झलक देखने को मिली।

ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स परेड में हुआ शामिल

परेड में ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स के जवान शामिल हुए। यह टुकड़ी अपनी खास वर्दी ‘ओल्ड गोल्ड और ब्लड रेड’ में शान से मार्च पास्ट करते नजर आए। इसके तुरंत बाद जॉइंट बैंड में मेकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल, पंजाब रेजिमेंटल सेंटर और राजपूत रेजिमेंटल सेंटर के 73 म्यूजिक बैंड्स शामिल हुए।  जाट रेजिमेंट और गढ़वाल राइफल्स की टुकरियां भी परेड में शामिल हुई।

सेना की खास गाड़ियां बनी परेड का हिस्सा

कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में सेना की इंफैंट्री कॉलम ने भारत की  सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन किया। इस टुकड़ी ने परेड की शुरुआत ऑल-टेरेन व्हीकल ‘चेतक’ और स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल ‘कपिध्वज’ से की। ये दोनों गाडियां कठिन और ऊंचे इलाकों में सैन्य गतिवधियों को ध्यान में रखते हुए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं।

इसके बाद हल्के विशेष वाहन ‘बजरंग’ और वाहन-आधारित इन्फैंट्री मोर्टार सिस्टम ‘एरावत’ ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। परेड में ‘नंदीघोष’ और ‘त्रिपुरांतक’ जैसे तेज प्रतिक्रिया वाहन भी शामिल थे। ‘नंदीघोष’ एक हेवी रिस्पॉन्स व्हीकल है जबकि ‘त्रिपुरांतक’ मीडियम कैटेगरी का व्हीकल माना जाता है है। ये सभी गाड़ियां आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत भारत में डेवलप किए गए हैं।

इंडोनेशियाई मिलिट्री एकेडमी के अफसरों की परेड

कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान इंडोनेशियाई मिलिट्री एकेडमी (अक्मिल) का 190 सदस्यीय ‘जेंडरंग सुलिंग चंका लोकनंता’ बैंड और इंडोनेशियाई नेशनल आर्म्ड फोर्सेस (TNI) के सभी ब्रांच के 152 सदस्यों के मार्चिंग दस्ते ने भाग लिया। यह ग्रुप भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत सांस्कृतिक और रक्षा संबंधों का प्रतीक है। इस परेड ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस टुकड़ी ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के कार्यक्रम के तहत हिस्सा लिया।

सेना की घुड़सवार रेजिमेंट ने निकाली परेड

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर सबसे पहले 61 कैवेलरी की टुकड़ी ने कदम रखा, जो दुनिया की इकलौती सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है। इसके बाद टैंक टी-90 ‘भिष्म’ ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इसके साथ ही नाग मिसाइल सिस्टम (NAMIS) भी परेड में शामिल हुआ।

300 कलाकारों की विशेष झांकी

परेड की शुरुआत 300 कलाकारों के एक ग्रुप की प्रस्तुति से हुई। यह दल देसी वाद्य यंत्रों से देशभक्ति धुन बना जा रहे थे। इस कार्यक्रम के तहत भारतीय संस्कृति और कला के विभिन्न पहलुओं दिखाने की कोशिश की गई। इन कलाकारों के प्रदर्शन में शंख, बांसुरी और ढोल जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों बजाते हुए परेड की झांकी में शामिल हुए।

राष्ट्रपति को सेना के कमांडरों ने दी सलामी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार और परेड सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता की सलामी ली।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फहराया तिरंगा, देश को दी बधाई

गणतंत्र दिवस के अवसर पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने दिल्ली आवास पर तिरंगा फहराया। इस मौके पर विदेश मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस हमेशा देश के लिए गर्व का पल होता है। मुझे लगता है कि हमने बहुत कुछ हासिल किया है और हम और भी अधिक हासिल करने की उम्मीद रखते हैं।

हमारे विशिष्ट अतिथि के रूप में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रभोवो सुबियांतो उपस्थित हैं। 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति अतिथि थे, इसलिए 75वें वर्षगांठ पर इंडोनेशिया का होना बहुत खास है। यह हमारे लिए भौगोलिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक रूप से बेहद करीबी देश है। मुझे यकीन है कि आज का दिन पूरे देश के लिए खुशियों भरा होगा।

-एजेंसी

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