हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर मंडराते ख़तरे को देखते ही कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने दिल्ली से पर्यवेक्षकों को भेजा. इन पर्यवेक्षकों में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भेजा गया था.
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से नाराज़गी ज़ाहिर करने वालों में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके बेटे और राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी शामिल हैं.
ऐसे में शुक्रवार को प्रतिभा सिंह से पूछा गया कि पर्यवेक्षक बोल रहे हैं कि राज्य में पांच साल कांग्रेस सरकार रहेगी.
प्रतिभा सिंह इस पर जवाब देती हैं, ‘पर्यवेक्षकों के बोलने से क्या होता है. पर्यवेक्षक तो चाहते हैं कि ऐसा हो. अब लोग क्या चाहते हैं, ये बोलना अभी कठिन है.”
वो बोलीं,”हमारे पास वक़्त है. हम उनको भी आगाह करेंगे, उनसे बैठ कर बात करेंगे कि जल्दी तय करो कि क्या निर्णय लेना है. फिर वो जो आदेश देंगे, हम उसी के हिसाब से आगे बढ़ेंगे.”
बीजेपी में जाने के सवाल पर प्रतिभा सिंह कहती हैं- ”हमारा तो सारा जीवन कांग्रेस में ही बीता. हम तो कांग्रेस से ही जुड़े रहे. हमारे परिवार ने कांग्रेस से शुरुआत की, कल की स्थिति में क्या होता है मैं उस पर कुछ नहीं कह सकती.”
क्या बीजेपी आपको मंडी से चुनाव लड़वाना चाहती है, क्या बीजेपी विक्रमादित्य को अपने खेमे में लाना चाहती है?
इस सवाल पर प्रतिभा सिंह जवाब देती हैं, ”देखिए ये तो अभी हमने सोचा नहीं है. हम उनसे संपर्क में नहीं हैं. आगे क्या हालात बनते हैं, ये पार्टी हाईकमान को तय करना है. पार्टी किसको टिकट देना चाहती है, अब इस पर भी सोच विचार होगा. हम लोग उनके आदेशों के मुताबिक़ कदम उठाएंगे.”
प्रतिभा सिंह से पूछा गया कि बीजेपी और कांग्रेस में से किसके काम करने का तरीका अच्छा है?
इसका वो जवाब देती हैं, ”कांग्रेस में हमें बहुत कुछ करना बाक़ी है. मैंने सांसद के तौर पर लोगों की समस्याएं जानने की कोशिश की. ये बात सही है कि बीजेपी की वर्किंग हमसे अच्छी है.”
-एजेंसी