आलू किसानों को छटाई-बिनाई के बाद ही दिया जाए उच्च स्तरीय आलू बीज

Press Release उत्तर प्रदेश

किसान नेता ने कहा कि आगरा में 80 से 90 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की खेती की जाती है। उस अनुपात में न तो किसानों को उन्नत किस्म का आलू का बीज मिल पाता है और न ही खाद। जिसके कारण हम किसानों की फसल का उत्पादन घट जाता है। यही नहीं उचित भाव न मिल पाने के कारण कई साल से आगरा के आलू किसान कर्जे में डूब गये हैं। उनको न तो सरकार से कोई खास मदद मिल पा रही है और न ही जिला प्रशासन कोई ठोस प्रबंध कर पा रहा है।
उन्होंने मांग की कि आगरा में खाद एवं सूक्ष्म तत्वों जैसे ट्राइकोडर्मा,फफूंदी नाशक आदि की भारी कमी चल रही है। हमारी मांग है कि इनकी आपूर्ति तत्काल की जाए।  उन्नत किस्म के आलू बीज की आवंटन और वितरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कराया जाए। इसमें ध्यान रखा जाए कि छोटे से छोटे किसान को भी खाद बीज मिल सके।

कृषि विभाग द्वारा किये जाने वाले मिनी किट वितरण का पोर्टल सही काम नहीं कर रहा है। जिसको तत्काल सही करायें या पोर्टल को बंद किया जाए। जिससे किसानों के हितों का कुठाराघात न हो।

सरकार द्वारा किसानों को जो आलू का बीज उपलब्ध कराया जाता है,उसमें काफी मात्रा में सड़ा-गला आलू निकलता है। जिससे किसानों को नुकसान होता है।  हमारी मांग है कि किसानों को अच्छी किस्म का छंटा हुआ, सुखाकर बीज उपलब्ध कराया जाए।

किसानों ने कहा कि इस बार आलू का दाम उचित नहीं मिल पाया। इसलिए सरकार को चाहिए कि कोल्ड स्टोर का भाड़ा कम करे और सब्सिडी सीधे किसानों को दे, न कि व्यापारियों को।जिला विकास अधिकारी को ज्ञापन देने वालों में लक्ष्मीनरायन के अलावा किसान नेता श्याम सिंह चाहर आदि थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

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