लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोडीन कफ सिरप को लेकर सोमवार को सियासी टकराव देखने को मिला। समाजवादी पार्टी के विधायकों के हंगामे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा कि कोडीन सिरप उत्तर प्रदेश में बनता ही नहीं है और कफ सिरप से प्रदेश में किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश के सबसे बड़े होलसेलर को लाइसेंस सपा सरकार के कार्यकाल में जारी किया गया था।
सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए कहा कि देश में “दो नमूने” हैं—एक दिल्ली में और एक यहां। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी जोड़ा कि दिल्ली वाले जरूरी मुद्दों पर विदेश भाग जाते हैं और “यहां वाले भी लंदन चले जाएंगे।”
मुख्यमंत्री के इस बयान पर अखिलेश यादव ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पलटवार करते हुए लिखा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि दिल्ली–लखनऊ की लड़ाई यहां तक पहुंच जाएगी। उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों से मर्यादा बनाए रखने की अपील की और कहा कि भाजपा अपनी आंतरिक खींचतान को सार्वजनिक मंच पर न लाए।
नमूने वाले बयान पर आपत्ति
मुख्यमंत्री के बयान के बाद नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता सदन कभी-कभी ऐसे शब्दों का प्रयोग कर देते हैं जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। सपा विधायकों ने इस पर विरोध दर्ज कराया।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा बार-बार मौतों की बात कर रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में कफ सिरप से एक भी मौत नहीं हुई है।
इस पूरे विवाद पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लेकर “नमूना” नहीं कहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बिना नाम लिए कही गई बातों को सीधे किसी व्यक्ति से जोड़ना उचित नहीं है।
