पीठाधीश्वर श्री श्री प्रेमसाईं महाराज जी को अमेरिका से डॉक्टरेट उपाधि: त्रिकालदर्शी चमत्कारी मां मातंगी दिव्य धाम, छत्तीसगढ़ का गौरव

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छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र त्रिकालदर्शी चमत्कारी मां मातंगी दिव्य धाम के पीठाधीश्वर श्री श्री प्रेमसाईं महाराज जी को उनकी अद्वितीय आध्यात्मिक उपलब्धियों और मानव सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए अमेरिकी सीडरब्रुक यूनिवर्सिटी ने ऑनोरिस कौसा डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि से सम्मानित किया है।

आध्यात्मिकता और चमत्कारों का अद्भुत संगम

श्री श्री प्रेमसाईं महाराज जी, जिन्हें लाखों भक्त “त्रिकालदर्शी” और “चमत्कारी गुरु” के रूप में जानते हैं, ने अपने दिव्य चमत्कारों और आध्यात्मिक ज्ञान से अनगिनत लोगों के जीवन को रूपांतरित किया है। उनके प्रवचनों और आशीर्वाद से न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में भक्त आध्यात्मिक जागरूकता और मानसिक शांति प्राप्त कर रहे हैं।

दिव्य धाम का महत्त्व

छत्तीसगढ़ में स्थित मां मातंगी दिव्य धाम एक ऐसा आध्यात्मिक केंद्र है, जो भक्तों के लिए प्रेरणा और दिव्यता का प्रतीक है। यह धाम न केवल साधना और ध्यान का केंद्र है, बल्कि यहां पर अनेक सामाजिक और धार्मिक गतिविधियां संचालित की जाती हैं, जो समाज के उत्थान में सहायक हैं।

अंतरराष्ट्रीय पहचान

सीडरब्रुक यूनिवर्सिटी ने इस बात को स्वीकार किया कि महाराज जी की शिक्षाएं और उनके कार्य न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों और सांस्कृतिक धरोहर को भी सशक्त करते हैं। यही कारण है कि उन्हें इस प्रतिष्ठित डॉक्टरेट उपाधि से नवाजा गया।

गौरव का क्षण

यह सम्मान समारोह 18 जनवरी 2025 को अमेरिका के टिवोली रिसॉर्ट्स एंड होटल में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में अनेक गणमान्य व्यक्ति, धार्मिक नेता और महाराज जी के अनुयायी उपस्थित होंगे।

महाराज जी का संदेश

इस उपलब्धि पर श्री श्री प्रेमसाईं महाराज जी ने कहा:
“यह सम्मान मेरे लिए नहीं, बल्कि उन सभी भक्तों और अनुयायियों के लिए है, जो सच्चे मन और श्रद्धा से धर्म और मानवता की सेवा में लगे हुए हैं। यह उपाधि हमारे धाम और छत्तीसगढ़ के सम्मान को विश्व स्तर पर स्थापित करती है।”

धाम का विश्व स्तर पर गौरव बढ़ा

मां मातंगी दिव्य धाम के भक्तों के लिए यह पल गौरव और आनंद का है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ की भूमि और भारत की आध्यात्मिक परंपराओं को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान प्रदान करता है।

पूज्य महाराज जी के इस सम्मान ने यह सिद्ध कर दिया है कि सच्चा समर्पण और मानव सेवा न केवल समाज को, बल्कि पूरे विश्व को प्रेरित कर सकता है।

नोट- ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है हम किसी चमत्कार व जादू के दावे की पुष्टि नही करते है।

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