मुंबई (अनिल बेदाग) : ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘उमेद अभियान’ द्वारा आयोजित ‘महालक्ष्मी सरस’ प्रदर्शनी को जनता से शानदार प्रतिक्रिया मिली। यह प्रदर्शनी 25 दिसंबर को सिडको एक्ज़िबिशन, वाशी, नवी मुंबई में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में करीब 1000 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया और अपने-अपने स्टॉल लगाए। इन स्टॉल्स में हाथ से बनी वस्तुएं, घरेलू उत्पाद और पारंपरिक व्यंजन शामिल थे। खास बात यह थी कि तमिलनाडु, असम, और गुजरात जैसे विभिन्न राज्यों के साथ-साथ महाराष्ट्र के 34 जिलों की ग्रामीण महिलाएं इस प्रदर्शनी में भाग लेने आईं।
प्रदर्शनी के दौरान महिलाओं के स्टॉल्स से करीब 15 करोड़ रुपये की बिक्री हुई। यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘महालक्ष्मी सरस’ ने महिलाओं की जिंदगी में सकारात्मकता बढ़ाई है, क्योंकि उन्हें ग्राहकों से बड़े पैमाने पर ऑर्डर प्राप्त हुए हैं।
‘उमेद अभियान’ के माध्यम से अब आम महिलाएं भी उद्यमी बन सकती हैं। ‘महालक्ष्मी सरस’ प्रदर्शनी महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में आयोजित की जाती है। यह अभियान महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, बल्कि उनके व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी देता है। इसके अलावा, ‘उमेद अभियान’ ने ‘उमेद मार्ट’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है, जहां महिलाएं अपने घरेलू उत्पादों को बेच सकती हैं। इस पहल ने उनके उत्पादों को बेचने को आसान और सुलभ बना दिया है।
रुचेश जयवंशी, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण आजीविका अभियान के मुख्य अधिकारी, ने कहा, “हाल ही में वाशी में ‘महालक्ष्मी सरस’ प्रदर्शनी का आयोजन ‘उमेद अभियान’ के माध्यम से किया गया। इसमें महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों की 1000 से अधिक महिलाओं के घरेलू उत्पादों के स्टॉल शामिल थे। इनमें हस्तशिल्प, लकड़ी के खिलौने, मूर्तियां, पारंपरिक खाद्य उत्पाद और स्वास्थ्यवर्धक पेय जैसी चीजें थीं। इसके साथ ही, प्रदर्शनी में एक फूड कोर्ट भी था, जो महाराष्ट्र के हर क्षेत्र के स्वाद और खाद्य संस्कृति को दर्शाता है। इस बार की प्रदर्शनी में करीब 15 करोड़ रुपये की बिक्री हुई, और हमें उम्मीद है कि अगले कार्यक्रम में 500 से अधिक स्टॉल होंगे। हमने ‘उमेद मार्ट’ नामक एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है, जिससे महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने में सहूलियत हो रही है। आगे भी, ‘उमेद अभियान’ महिलाओं के व्यवसाय को प्रोत्साहित करने और उनका मार्गदर्शन करने के लिए प्रयासरत रहेगा।”
‘उमेद अभियान’ ने बैंकों के सहयोग से ग्रामीण इलाकों की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को उद्यमिता के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस वित्तीय वर्ष में महाराष्ट्र में लगभग 7000 करोड़ रुपये का ऋण बैंकों द्वारा दिया गया है। महिलाओं को बेहतर पैकेजिंग और ब्रांडिंग के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे उनकी व्यावसायिक क्षमता में वृद्धि हो रही है। ‘महालक्ष्मी सरस’ जैसी पहल उन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गई है, जो अपनी योग्यता और काबिलियत को साबित करना चाहती हैं।
-up18News
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