अनिल धनगर, एटा कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव नगला समल में पहली बार बाघ आने से दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों और पुलिस ने बाघ को चौतरफा घेर रखा है लेकिन सवाल यह है कि रिहायशी इलाके में यह बाघ कैसे पहुंच गया। ग्रामीणों को बाघ के बारे में सही समय पर पता चल गया वरना कोई और बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
नगला समल के कुछ ग्रामीण तड़के अपने खेतों पर काम करने के लिए निकले उन्हें रास्ते में बाघ दिखाई दे गया तो शोर मचा दिया। शोर मचाने पर अन्य गांव वालों को भी पता चल गया और वे लाठी-डंडे जिसके हाथ में जो भी था लेकर खेतों की ओर दौड़ पड़ा। ग्रामीणों ने जब बाघ को घेर लिया तो वह भागने लगा और रास्ते में आ रहे अवनीश पर हमला कर दिया लेकिन ग्रामीणों का घेरा मजबूत था इस वजह से अवनीश को छोड़कर भाग निकला और टीनसेड पर चढ़ गया तब से लेकर अब तक वह वहीं डेरा डाले हैं। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी तो कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। और एसडीएम सहित वन विभाग के अधिकारी भी पहुंच गए। लेकिन वन विभाग की टीम असहाय इसलिए है कि इतने बड़े जानवर को पकड़ने के लिए उनके पास साधन नहीं है। इसलिए आगरा और अलीगढ़ संपर्क साधा गया। प्रशासन का कहना है कि यह टीमें रवाना हो चुकी है और किसी भी क्षण यहां पहुंचेंगे। दूसरी तरफ नगला समल और उसके आसपास दहशत का माहौल है। लोग बच्चों को घरों से नहीं निकलने दे रहे। पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई बड़ा जंगली जानवर रिहायशी इलाके में घुसा है। अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय कुशवाहा ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में फोर्स गांव में भेजा गया है बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग से कहा गया है। उधर बाघ को देखने के लिए नगला समल और उसके आसपास के कई गांव लोग एकत्रित हैं।