नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी रखने पर दिल्ली हाईकोर्ट की मुहर लगने के बाद सत्तापक्ष ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया है। केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग बनाने के पीछे तर्क रखा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा पर पिछले कुछ समय से विपक्षी दलों की ओर से झूठी जानकारी फैलाई जा रही है। लोगों में गलत धारणा बनाकर पूरे देश को भ्रम में डाल दिया गया है। यह दूर्भाग्यपूर्ण है। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट अगले ढाई से तीन सौ साल के लिए है। इस प्रोजेक्ट को तेजी से बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद है कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ नए संसद भवन में मनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर एक गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था।
महामारी से पहले भवन का चल रहा निर्माण
संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है। जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक OSD थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए। पूरी ने कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरुरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।
हाईकोर्ट ने निर्माण कार्य रोकने से किया इंकार
बता दें कि विपक्ष ने सरकार पर इसको लेकर तीखा हमला बोला था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय महत्ता के लिए इसका निर्माण जरूरी है, ऐसे में इसके निर्माण कार्य को नहीं रोका जा सकता है।
-एजेंसियां