लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पंप खोलने की प्रक्रिया को सरकार ने काफी सरल बना दिया है। अब पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग समेत कई विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। यह निर्णय प्रदेश में कारोबारी सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग ने आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है।
अब तक की व्यवस्था के तहत पेट्रोल पंप का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जिलाधिकारी को करीब 10 विभागों से एनओसी लेनी पड़ती थी। इनमें राजस्व, एनएसएआई, लोक निर्माण विभाग (PWD), विकास प्राधिकरण या नगर निकाय, जिला पंचायत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, वन विभाग, विद्युत सुरक्षा और बिजली विभाग शामिल थे। इस लंबी प्रक्रिया के चलते आवेदकों को महीनों इंतजार करना पड़ता था और अनावश्यक परेशानियों का सामना करना होता था।
अब सिर्फ चार विभागों से एनओसी
सरकार ने नई व्यवस्था के तहत पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और समयबद्ध बनाने का निर्णय लिया है। अब पेट्रोल पंप की स्थापना के लिए केवल चार विभागों—राजस्व, बिजली विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और विकास प्राधिकरण/आवास विकास परिषद/औद्योगिक विकास प्राधिकरण—से ही एनओसी लेनी होगी। अन्य विभागों की औपचारिकताओं के लिए आवेदक को केवल एक सेल्फ डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा।
डिजिटल प्रक्रिया पर जोर
सेल्फ डिक्लेरेशन के माध्यम से आवेदक यह घोषणा करेगा कि वह सभी नियमों और मानकों का पालन करेगा। साथ ही पूरी प्रक्रिया को डिजिटल किया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी अब डिजिटल हस्ताक्षर के साथ होगी, जिसे आवेदक अपने यूजर लॉग-इन से सीधे डाउनलोड कर सकेगा।
कम समय में खुलेगा पेट्रोल पंप
नई व्यवस्था के तहत पेट्रोल और डीजल पंप खोलने के आवेदन की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इससे न केवल कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि प्रदेश में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से पेट्रोल पंप खोलने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।
