आगरा: शहर में ठगी का नया और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने एसआईटी का छापा बताकर शिक्षा विभाग के एक क्लर्क से 80 हजार ठग लिए। इससे पहले एक अन्य क्लर्क से भी चालीस हजार रुपये ठग लिए गए। ठगी में एक महिला की संलिप्तता भी बताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक महिला ने जिला और मंडल कार्यालय के एक-एक क्लर्क से स्कूल की मान्यता कराने के नाम पर पहले अंजान बनकर जानकारी जुटाई। इसके बाद कथित एसआईटी के तीन आदमियों के साथ आकर दोनों कर्मचारियों पर रिश्वत मांगने के आरोप लगा दिए। दोनों कार्यालय के अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की। दबाव में आए दोनों कर्मचारियों से ठगों ने करीब एक लाख, बीस हजार रुपये ठग लिए।
मामला तीन-चार दिन पुराना बताया जा रहा है। एसीपी लोहामंडी महेंद्र तिवारी का कहना है कि ठगी की सूचना पर पुलिस पीड़ित गोपाल कृष्ण शर्मा के पास पहुंची। उनसे तहरीर मांगी गई है, मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में क्लर्क तैनात बाबू कृष्ण गोपाल शर्मा ने मीडिया को बताया कि विगत 19 अक्टूबर को एक महिला उनके कार्यालय में आई। महिला ने उनसे कहा कि उसे स्कूल की मान्यता लेनी है। मैंने उसे पूरी प्रक्रिया समझा दी। इसके बाद महिला ने पूछा कि इसमें कितना खर्च आएगा। मैंने कहा, “करीब तीन लाख रुपये खर्च हो जाते हैं।” जानकारी लेकर महिला वहां से चली गई।
बाबू ने बताया, “तीन दिन बाद 22 अक्टूबर को महिला के साथ तीन लोग आए। उन्होंने कहा कि वो एस आई टी से हैं। मेरे खिलाफ मान्यता के नाम पर रिश्वत मांगने की शिकायत है। इसकी जांच करने आए हैं, अगर मामला रफा-दफा करना है तो पांच लाख रुपये दो। इससे मैं घबरा गया और बाहर जाने की बात कहने लगा। आरोपियों ने मुझे धमकाते हुए कहा, पहले सारे दस्तावेज दिखाओ, करीब एक घंटे तक कागजात देखते रहे। मुझसे पूछा कि मान्यता में तुम्हारी क्या भूमिका रहती है। कैसे रिश्वत लेकर काम करवाते हो। तुम्हारे खाते में कितने रुपये हैं। मैंने बताया कि मेरे खाते में 80 हजार रुपये हैं। वे बार-बार यही कह रहे थे कि पहले भी तुम्हारे ऑफिस से कुछ अधिकारी और क्लर्क जेल जा चुके हैं। अगर तुम लोग पूछताछ में सपोर्ट नहीं करोगे तो तुम भी जेल जाओगे।
टीम के तीनों साथी मुझे अपने साथ लेकर बाहर निकले। यहां उन्होंने पहले से खड़ी गाड़ी में मुझे बैठाया और धमकी दी कि अगर तुम बचना चाहते हो तो मामले को खत्म कर लो। इस पर मैंने सहमति जता दी। बैंक जाकर 80 हजार रुपये ठगों को दे दिए। ठगों ने कहा कि हम चार दिन बाद फिर आएंगे, पांच लाख का इंतजाम करके रखना, नहीं तो जेल भिजवाएंगे। इसके बाद ठग मुझे ऑफिस के अंदर लेकर गए और उसके केबिन में बैठा दिया और कहा-एक घंटे तक ऑफिस के बाहर मत निकलना। सभी ठग फरार हो गए।” पूरी घटना कैंपस में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई।
बाबू कृष्ण गोपाल का कहना है कि ठगों की धमकी के बाद से मैं कई दिनों से परेशान था इसलिए अब इस बात को अपने सीनियर को बताया। इसके बाद ये मामला पुलिस तक पहुंचाया गया। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस डीआईओएस ऑफिस पहुंची और मामले की पड़ताल शुरू की।
शिक्षा विभाग में ये पहला केस नहीं है। इससे पहले भी जेडी आफिस के बाबू को भी इसी तरह से ठगी का शिकार बनाया गया है। जेडी कार्यालय के बाबू से 40 हजार रुपये ठग लिए गए। उसने शिकायत नहीं की।