गुजरात और मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस पार्टी को अब ओडिशा में बड़ा झटका लगा है। पार्टी की पुरी से कैंडिडेट सुचारिता मोहंती ने पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं मिलने पर अपना नामांकन वापस ले लिया है। पुरी सीट पर सुचारिता मोहंती का मुकाबला बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और बीजेडी के उम्मीदवार अरुप पटनायक से था। सुचारिता मोहंती ने कुछ समय पहले चुनाव लड़ने के लिए लोगों से डोनेशन मांगा था। इसके लिए उन्होंने क्यूआरकोड भी जारी किया था।
कांग्रेस ने नहीं दिया फंड
कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट के तौर नामांकन वापस लेने पर सुचारिता मोहंती ने कहा है कि मैं एक पीपल-ओरिएंटेड कैंपेन चाहती थी लेकिन फंड की कमी के कारण यह भी संभव नहीं था। इसके लिए कांग्रेस पार्टी भी जिम्मेदार नहीं है। बीजेपी सरकार ने पार्टी को पंगु बना दिया है। खर्चों पर कई तरह का प्रतिबंध है।
सुचारिता मोहंती ने कहा है कि पार्टी ने मुझे फंड देने से मना कर दिया था। मोहंती ने कहा कि बीजेपी और बीजेडी पैसों के पहाड़ पर बैठे हैं। यह मेरे लिए काफी मुश्किल था। चुनावों में धनबल का प्रदर्शन हो रहा है। मैं इस तरह से नहीं लड़ना चाहती थी।
कौन हैं सुचारिता मोहंती?
सुचारिता मोहंती करीब 10 साल पहले राजनीति में आई थी। वे इससे पहले पेशे से पत्रकार थीं और वेतन निर्भर थीं। सुचारिता मोहंती 2014 में भी पुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ी थीं। तब वे दूसरे नंबर पर रही थीं उन्हें बीजेडी के पिनाकी मिश्रा ने हार दिया था। मोहंती को तब 2,59,800 वोट मिले थे। पार्टी ने 2019 के चुनावों में सत्य प्रकाया नायक को उम्मीदवार बनाया था। वे संबित पात्रा के बाद नंबर तीन पर रहे थे। उन्हें सिर्फ 44 हजार वोट मिल पाए थे। इस बार कांग्रेस पार्टी ने फिर से सुचारिता मोहंती को उतारा था। सुचारिता के मैदान से हटने के बाद अब पुरी में संबित पात्रा और अरुप पटनायक के बीच मुकाबला होने की उम्मीद है। पिछले चुनाव में संबित पात्रा महज 11, 714 वोटों से हार गए थे।
-एजेंसी