नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल बोले: – शासनादेश का होगा पूर्ण अनुपालन, हर परियोजना में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित
आगरा। उत्तर प्रदेश शासन ने नगर विकास विभाग की योजनाओं एवं वित्त आयोग की धनराशि से कराए जाने वाले सभी विकास कार्यों से जुड़ी शिलालेख पट्टिकाओं पर अब जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित करना अनिवार्य कर दिया है। शासन ने इस संबंध में नया आदेश जारी करते हुए पूर्व के शासनादेशों में आंशिक संशोधन किया है।
जारी शासनादेश के अनुसार, अब नगर निगम, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में चलने वाली योजनाओं की शिलान्यास या लोकार्पण पट्टिकाओं पर मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, राज्यसभा सदस्य, महापौर, क्षेत्रीय विधायक, नामित नोडल विधान परिषद सदस्य तथा संबंधित निकाय के अध्यक्ष के नाम उनके प्रोटोकॉल के अनुसार दर्ज किए जाएंगे। यह भी निर्देश दिए गये हैं कि इन सभी जनप्रतिनिधियों के नाम का फॉन्ट साइज समान रखा जाए, ताकि किसी के नाम को प्राथमिकता या उपेक्षा न दी जा सके। इसके साथ ही, विकास कार्यों के शिलान्यास या लोकार्पण के अवसर पर संबंधित जनप्रतिनिधियों को उनके प्रोटोकॉल के अनुसार ससम्मान आमंत्रित करना अनिवार्य होगा।
वित्त आयोग की धनराशि से स्वीकृत परियोजनाओं की अगली किश्त जारी करने के लिए अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि शिलालेख की प्रमाणित फोटोग्राफ, जिसमें जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित हों, उपयोगिता प्रमाण पत्र और पूर्णता प्रमाण पत्र के साथ संलग्न की जाए।
इसकी पुष्टि करते हुए नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि शासन के नए आदेशों का नगर निगम आगरा में कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा। नगर निगम की सभी परियोजनाओं में पारदर्शिता और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों को पूर्ण सम्मान के साथ आमंत्रित किया जाएगा। इस दिशा में सभी अभियंताओं और जोनों को स्पष्ट निर्देश जारी किए जा रहे हैं।नगर आयुक्त ने यह भी बताया कि सभी चल रहे और प्रस्तावित विकास कार्यों की शिलापट्टिकाओं की समीक्षा की जाएगी ताकि शासनादेश के अनुरूप नामांकन सुनिश्चित हो सके।
