नेपाल ने 100 रुपये के नए नोट में दिखाए भारत के दावे वाले विवादित क्षेत्र

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काठमांडू। 100 रुपये के नोट पर पुराने नक्शे के बजाय नया नक्शा बनाने का फैसला नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक लिया गया. नेपाल ने 100 रुपये के नए नोट पर देश का नया नक्शा छापने का ऐलान किया है. इस नक्शे में वो तीन विवादित क्षेत्र होंगे, जिस पर भारत अपना अधिकार जमाता है. नेपाल अपने इस नए नक्शे में लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को शामिल करेगा. भारत सीमा से लगे इन क्षेत्रों को पहले ही विस्तार रूप दे चुका है.

नेपाल ने 4 साल पहले इन तीनों इलाकों अपने पॉलिटिकल मैप में शामिल कर लिया, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी. नेपाल ने एक बार फिर ऐसा कर भारत से पंगा ले लिया है.

इस नक्शे में लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा. रेखा शर्मा नेपाल की सूचना और संचार मंत्री भी हैं. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने 25 अप्रैल और 2 मई को हुई बैठक में 100 रुपये के नए नोट को फिर से डिजाइन करने और करेंसी पर छपे पुराने नक्शे को बदलने की मंजूरी दी थी. इससे पहले नेपाल ने 18 जून 2020 को अपने पॉलिटिकल मैप में उन तीनों इलाकों को शामिल कर लिया था. इसके लिए उसने संविधान में भी संशोधन किया गया था.

इस विवादास्पद बिल के पक्ष में पड़े थे 258 वोट

नेपाल की संसद में इस विवादास्पद बिल के पक्ष में 258 वोट (275 में से) पड़े थे. किसी भी सदस्य ने इस बिल के खिलाफ वोट नहीं किया. विधेयक को पारित करने के लिए 275 सदस्यीय निचले सदन में दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता थी. नेपाली कांग्रेस (NC), राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल (RJP-N) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने नए विवादास्पद नक्शे का समर्थन किया था.

भारत ने जताई थी कड़ी आपत्ति

भारत के साल 2019 में नया पॉलिटिकल मैप जारी करने के बाद साल 2020 में नेपाल की तत्कालीन केपी ओली सरकार ने चीन के इशारे पर देश का नया नक्शा संसद से पारित कराया था. इसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा के साथ-साथ भारत के कई इलाकों को नेपाल का दिखाया था. हालांकि, भारत ने इस विवादास्पद नक्शे को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी.

-एजेंसी

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