मुंबई हाईकोर्ट ने रोकी ‘द इंद्राणी मुखर्जी’ की स्क्रीनिंग, CBI को दिखाने का दिया निर्देश

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मुंबई हाईकोर्ट ने ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरीर: द बरीड ट्रुथ’ सीरीज की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए कहा है। साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स से इस सीरीज की स्पेशल स्क्रीनिंग सीबीआई के अधिकारियों के लिए आयोजित करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने यह सवाल भी किया है कि आखिर सीबीआई को डॉक्युसीरीज देखने के लिए अनुमति क्यों नहीं दी गई? यह सीरीज शीना बोरा केस पर आधारित है, तब भी इसे सीबीआई को नहीं दिखाया गया। हालांकि, नेटफ्लिक्स की तरफ से शुरू में इसका विरोध किया गया और प्री-सेंसरशिप का हवाला दिया गया।

स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित हो

मुंबई हाईकोर्ट ने स्क्रीनिंग को रोकने के साथ ही सीबीआई के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग आयोजित करने के लिए सीरीज के स्ट्रीमिंग पार्टनर नेटफ्लिक्स को कहा है। कोर्ट ने पूछा कि इस डॉक्यु-सीरीज को दिखाने में दिक्कत क्या है। गौरतलब है कि ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: द बरीड ट्रुथ’ शीना बोरा के केस की कहानी बयां करती है, जिसका प्रीमियर नेटफ्लिक्स पर शुक्रवार को किया जाना था। इस बीच, अब केस की अगली सुनवाई की तारीख 29 फरवरी तय की गई है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और मंजुषा देशपांडे ने तय किया कि अगली सुनवाई अगले हफ्ते 29 फरवरी को होगी।

अभी चल रहा है केस में ट्रायल

नेटफ्लिक्स की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ने शुरुआत में इससे असहमति जताई और प्री-सेंसरशिप का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने पहले ही सीरीज के खिलाफ कोर्ट का रुख कर लिया। वहीं, कोर्ट ने कहा कि अभी इस केस में ट्रायल चल रहा है और गवाहों के बयान भी लिए जा रहे हैं। ऐसे में सीरीज की रिलीज अभी रोकी जा सकती है। इसे एक हफ्ते के लिए टाला जा सकता है।

हो सकते हैं गवाह प्रभावित

बता दें कि सीबीआई ने इस सीरीज की रिलीज पर स्टे लगाए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सीबीआई ने कहा था कि जब तक इस केस में ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, तब तक के लिए सीरीज की रिलीज पर रोक लगा दी जाए। यह सीरीज मौजूदा जांच को प्रभावित कर सकती है। इसमें जो भी दिखाया गया होगा उसका प्रभाव पड़ सकता है।

सीबीआई के मुताबिक, कुल 237 गवाहों में से अभी 89 से पूछताछ हुई है। कोर्ट ने कदम से यह भी कहा कि इस सीरीज में पांच गवाहों के साक्षात्कार भी दिखाए गए हैं जिनमें इंद्राणी का बेटा और बेटी भी शामिल हैं। ट्रायल कोर्ट द्वारा इन गवाहों के बयान भी दर्ज किए जाने हैं।

-एजेंसी

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