टीबी मरीजों के लिए दवा और भावनात्मक सहयोग जरूरी

Health





आगरा: जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत देश को टीबी मुक्त बनाने के लिए आगरा में शुक्रवार को डीटीसी आगरा के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय पर 25 टीबी मरीजों को गोद लिया गया और गोद लिए गए सभी टीबी मरीजों को जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता के द्वारा पोषण पोटली का वितरण किया गया।

आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी ने कहा कि टीबी मरीजों के लिए दवा के साथ-साथ परिवार का प्यार बहुत जरूरी है क्योंकि भावनात्मक सहयोग से टीबी मरीजों की रिकवरी में जल्दी सुधार होते हुए देखा गया है। टीबी के मरीजों को नियमित दवा का सेवन करने, मास्क लगाने के बारे में जानकारी देते हुए लाभों के बारे में टिप्स दिए गए और परिवार के अन्य सदस्यों को टीबी से बचाव करने के बारे में जानकारी दी गई

डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि डीटीसी आगरा के द्वारा टीबी मरीजों को गोद लिया गया और उन्हें पोषण पोटली का वितरण भी किया गया। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान टीबी मरीजों को दवा के साथ-साथ पौष्टिक आहार और भावात्मक सहयोग देना जरूरी हैं। निक्षय मित्र बनाने का उद्देश्य टीबी मरीजों को सकारात्मक और समर्थनकारी वातावरण प्रदान करना है, जिससे वे अपने इलाज के दौरान मजबूत और सकारात्मक बने रहें। निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को इलाज की अवधि तक प्रतिमाह पोषण संबंधी सहायता के लिए एक हजार रुपये की धनराशि भी प्रदान की जाती है जो डीवीडी के माध्यम से सीधे मरीज के बैंक खाता में आती है ।

डीटीओ ने कहा कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही दवा खायें। गर्म तासीर वाली चीजें,खट्टी एवं मिर्च मसाले वाली चीजें खाने से बचें। रोज सुबह हल्का हल्का व्यायाम करें, खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, दालें, सोयाबीन ज्यादा से ज्यादा लें। खाने के तुरन्त बाद लेटें नहीं बल्कि थोड़ा टहलें। ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में टीबी की दवा बंद नहीं करनी है। इस मौके पर जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारियों मौजूद रहे।

निक्षय मित्र बनाने के उद्देश्य हैं—-

• टीबी मरीजों को भावनात्मक समर्थन प्रदान करना
• टीबी मरीजों को उनके इलाज के दौरान प्रेरित करना
• टीबी मरीजों को समाज में उनके अधिकारों और सुविधाओं के बारे में जागरूक करना
• टीबी मरीजों को उनके इलाज के दौरान आवश्यक सेवाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना




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