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इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल से मिलकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। कल मणिपुर विधानसभा का सत्र शुरू होना था। विपक्ष मणिपुर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में था। कांग्रेस ने कहा कि एन बिरेन सिंह को दो साल पहले ही बर्खास्त किया जाना चाहिए था। कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने कहा, “देश उन्हें कभी मांफ नहीं करेगा। मणिपुर में विधायकों की अंतरात्मा जागी है। उन्होंने मजबूरी में इस्तीफा दिया है।”
एन बिरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद शाम होते ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि थोड़ी देर में वहां विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें पार्टी हाईकमान से बात करके नया नेता चुना जाएगा। पिछले साल के अंत में मणिपुर में हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जनता से माफी मांगी थी।
मणिपुर से एनपीएएफ पार्टी के सांसद लोरो फोज ने कहा, “एन बिरेन सिंह अपने विधायकों को समर्थन खो चुके थे। उन्होंने लेट से इस्तीफा दिया। अगर वे डेढ साल पहले इस्तीफा देते तो मणिपुर बच जाता। वहां के छात्रों का जीवन बच जाता। मणिपुर का जो नुकसान हुआ वो एन बिरेन सिंह से इस्तीफे से ठीक नहीं होगा।”
बीजेपी नेता बीरेन सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा, “अब तक मणिपुर के लोगों की सेवा करना सम्मान की बात रही है। मैं केंद्र सरकार का बहुत आभारी हूं। उन्होंने समय पर कार्रवाई की, मदद की और विकास के काम किए। हर मणिपुरी के हितों की रक्षा के लिए कई परियोजनाएं भी चलाईं। मेरा केंद्र सरकार से अनुरोध है कि वह इसी तरह काम करती रहे।”