विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी हाजिरजवाबी और कूटनीति की दुनिया में भारत के रुतबे को मजबूती के लिए जाने जाते हैं। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या चीन से तनातनी। जयशंकर ने हर संकट में भारत की आवाज पूरी दुनिया के सामने मजबूती से रखा। केवल रखा ही नहीं बल्कि सवाल पूछने वाले को करारा जवाब भी दिया। विशेषज्ञ भी जयशंकर की जमकर तारीफ करते हैं। कुछ ऐसा ही आज रायसीना डायलॉग में हुआ। जब शो होस्ट कर रहे समीर सरन ने जयशंकर को भारतीय विदेश नीति का थिंक टैंक बताया। जैन ने जैसे ही जयशंकर के लिए थिंक टैंक शब्द का इस्तेमाल किया वहां जोरदार तालियां बज उठीं।
मोदी के ‘मिसाइल मैन’ की तारीफ
जैसे ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई शो होस्ट सरन ने कहा कि डॉ जयशंकर विदेश मंत्री नहीं हैं बल्कि एक थिंक टैंक हैं। वो विदेश मंत्री बनने का केवल भाव दिखाते हैं। उनके ये बोलते ही मोदी के मिसाइल मैने के लिए वहां जमकर तालियां बजने लगीं। इसके बाद जब जयशंकर ने बोलना शुरू किया तो उन्होंने शो होस्ट सरन को कहा कि धन्यवाद आपका कि आप थिंक टैंक को गंभीरता से लेते हैं।
अपने तर्कों से सामने वालों की बोलती कर देते हैं बंद
हाल के सालों में दुनिया काफी उथल-पुथल स्थिति से गुजरी है। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर इजरायल-हमास युद्ध। दोनों तरफ भारत के दोस्त थे। लेकिन वो जयशंकर ही थे जिन्होंने भारत की तरफ से संतुलित और तार्किक बातों से दुनिया में पक्ष रखा। यही नहीं, जहां जरूरी हुआ उन्होंने सामने वालों को अपने मजबूत तर्कों से चुप भी करा दिया।
संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए भी दिए तर्क
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस विश्व संस्था में सुधार की बेहद जरूरत है क्योंकि इसकी सदस्यता पिछले कुछ दशकों में चार गुना बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार नियमों का उल्लंघन हुआ है और कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की कीमत पर अपने फायदे में इनका इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन जैसे मजबूत सदस्य देशों के कारण सुधारों की राह भी प्रभावित हुई है।
-एजेंसी