जम्मू-कश्मीर के नौगाम थाने में देर रात धमाका, 12 की मौत; दिल्ली ब्लास्ट लिंक के संदिग्धों से चल रही थी पूछताछ

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार देर रात हुए भारी विस्फोट ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस भीषण धमाके में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों और घायलों में अधिकतर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के अधिकारी शामिल हैं। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि कई शवों के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए।

धमाके के तुरंत बाद इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला। शुरुआती जांच के लिए खोजी कुत्तों को तैनात किया गया। श्रीनगर के उपायुक्त अक्षय लाबरू ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। चूंकि कई घायल गंभीर स्थिति में हैं, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

विस्फोट के वक्त ज़ब्त विस्फोटक की जांच चल रही थी

सूत्रों के अनुसार, विस्फोट उस दौरान हुआ जब पुलिस हाल ही में पकड़े गए ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल से ज़ब्त किए गए विस्फोटकों के नमूने निकाल रही थी। यह विस्फोटक हरियाणा के फरीदाबाद से लाए गए थे और डॉक्टर मुज़म्मिल गनई के किराए के घर से बरामद 360 किलो विस्फोटक रसायन का हिस्सा थे।

धमाके के बाद लगातार छोटे-छोटे विस्फोट भी हुए, जिससे बचाव अभियान में देरी हुई। पुलिस स्टेशन की इमारत को भी भारी नुकसान पहुंचा है। विस्फोट स्थल से छह शव बरामद किए जा चुके हैं और बाकी की पहचान की प्रक्रिया जारी है। घायलों में 24 पुलिसकर्मी और तीन नागरिक शामिल हैं, जिनमें पांच की हालत नाजुक है।

दिल्ली ब्लास्ट से जुड़ता दिख रहा है कनेक्शन

नौगाम थाने में उन संदिग्धों से पूछताछ चल रही थी जिनका लिंक हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास आई20 कार में हुए धमाके से जुड़ा बताया जा रहा है। 10 नवंबर को हुए इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई थी। जांच एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक का संबंध भी श्रीनगर में पकड़े गए नेटवर्क से हो सकता है।

आतंकी मॉड्यूल का ऐसे हुआ था खुलासा

अक्टूबर में नौगाम के बनपोरा इलाके में दीवारों पर लगाए गए धमकी भरे पोस्टरों के बाद पुलिस की जांच तेज हुई।
19 अक्टूबर को दर्ज केस के बाद पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरिफ निसार डार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि मौलवी इरफान अहमद पोस्टरों और कट्टरपंथी संदेशों का स्रोत था।

आगे की जांच फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक पहुंची, जहां से डॉक्टर मुज़म्मिल गनई और शाहीन सईद गिरफ्तार किए गए। यहां से पुलिस ने 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और 2,900 किलो आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की, जिसमें डेटोनेटर, तार और अन्य उपकरण शामिल थे।

कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाई गई

विस्फोट के बाद नौगाम समेत श्रीनगर के कई इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। थानों और सुरक्षा प्रतिष्ठानों में रखे गए विस्फोटक सामान की दोबारा जांच की जा रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह विस्फोट दुर्घटनावश हुआ या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी।

साभार सहित

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