ममता को शायद ही किसी का इतनी बेसब्री से इंतजार करते देखा गया होगा. यह दूसरा मौका था. तब कुर्सियां खाली थीं और इस बार ममता हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के इंतजार में दरवाजें पर खड़ीं उन्हें मनाने की कोशिश करती रहीं, लेकिन बात नहीं बनीं. डॉक्टर उनके आवास से दूसरी बार बिना बैठक के वापस लौट गए.
ममता बनर्जी ने शनिवार शाम को उनके आवास पर बातचीत के लिए पहुंचे आंदोलनकारी डॉक्टर से बैठक में शामिल होने की अपील की. डॉक्टर बैठक का सीधा प्रसारण करने की मांग करते रहे. आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों और ममता के बीच शनिवार को उनके आवास पर बैठक होनी थी.
डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल बारिश के बीच ममता के दरवाजे पर पहुंचा. लेकिन डॉक्टर बैठक के लिए अंदर आने को तैयार नहीं थे.. डॉक्टरों की मांग थी कि उनकी इस बैठक का लाइव टेलिकास्ट किया जाए. इस पर न ममता झुकने को तैयार थीं और ना ही डॉक्टर. काफी देर तक कोशिश चलती रही.
ममता डॉक्टरों से अंदर आने और बारिश में न भीगने की अपील करती रहीं. ममता ने कहा, ‘मैं आप सभी से अंदर आने और बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध करती हूं. चूंकि मामला अदालत में है, इसलिए हम बैठक के सीधे प्रसारण की अनुमति नहीं दे सकते. बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी और सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही आपको इसकी एक कॉपी उपलब्ध कराऊंगी।’
ममता ने डॉक्टरों से भावुक अपील करते हुए कहा, ‘आज आपने कहा कि आप मिलना चाहते हैं, इसलिए मैं इंतजार कर रही हूं. आप लोग मेरा इस तरह अपमान क्यों कर रहे हैं? कृपया मेरा इस तरह अपमान न करें. इससे पहले तीन मौकों पर मैं इंतजार करती रही, लेकिन आप लोग नहीं आए.’ लेकिन डॉक्टर तैयार नहीं हुए. ममता की अपील को अनसुना कर डॉक्टर ममता के दरवाजे से वापस लौट गए.
ममता से बातचीत करने पहुंचे डॉक्टरों के समूह में से एक डॉक्टर अक़ीब का कहना है कि जब सीएम हमारे बीच आई थीं, तब हमें खुशी हुई थी कि बात-चीत का सिलसिला शुरू हुआ.
डॉ. अक़ीब ने कहा कि “हम आधिकारिक बातचीत के लिए काली घाट भी गए थे. लेकिन हमारी डिमांड थी कि इस मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए. लेकिन इस पर बात नहीं बनी. सीएम ने हमसे चाय-पानी के लिए कहा लेकिन हमने मना कर दिया.”
अक़ीब ने बताया कि “हम बारिश में इस इंतज़ार में खड़े रहे कि दोबारा हम कोशिश करते रहें और किसी तरह से मीटिंग हो जाए, लेकिन बाद में हमसे ये कह दिया गया कि अब बहुत देर हो गई है अब मीटिंग नहीं हो सकती. हमें वापस लौटना पड़ा. हम चाहते थे कि इस मीटिंग का कोई नतीजा निकले और इस आंदोलन को इंसाफ़ मिले.”
आरजी कर के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष पर उन्होंने कहा, “आज 35वें दिन संदीप घोष जेल के अंदर है. यह बताता है कि हमारी मांगे सही थीं.”
अक़ीब ने कहा कि “हमारी मांगे हैं कि जो भी इसमें शामिल है उसको गिरफ़्तार किया जाए और हमें इंसाफ़ मिले. हमारा आंदोलन तब तक चलेगा जब तक हमें इसाफ़ नहीं मिल जाता. हम यहां अभया के लिए आए हैं.”
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