कटनी में मनाया गया 1857 की क्रांति के प्रणेता राजा शंकर शाह और कुँवर रघुनाथ शाह का शौर्य दिवस

स्थानीय समाचार

कटनी। 1857 की क्रांति के प्रणेता अमर शहीद राजा शंकर शाह और कुँवर रघुनाथ शाह की शहादत को नमन करते हुए ढीमरखेड़ा के मंगल भवन में शौर्य दिवस समारोह एवं सामाजिक समानता व भाईचारा सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवी और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। मुख्य अतिथि के रूप में अपना दल (एस) के राष्ट्रीय महासचिव आर.बी. सिंह पटेल शामिल हुए। प्रमुख वक्ताओं में इंजी. सत्यप्रकाश कुरील (राष्ट्रीय अध्यक्ष, एससी/एसटी मंच, अपना दल एस) तथा अशोक विश्वकर्मा (उपाध्यक्ष, जिला पंचायत कटनी) उपस्थित रहे।

आयोजक डॉ. बी.के. पटेल, सुभाष पटेल, ऋषिराम पटेल, संतराम पटेल, विजय चौधरी, सुरेश कोल, अतुल चौधरी, ओमकार चौधरी और इन्द्रजीत लोधी सहित अन्य ने कार्यक्रम का संचालन किया। समारोह की शुरुआत शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण और सामाजिक एकता के संकल्प के साथ हुई।

मुख्य अतिथि आर.बी. सिंह पटेल ने कहा—
“राजा शंकर शाह और कुँवर रघुनाथ शाह की शहादत हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनका बलिदान हमें यह संदेश देता है कि राष्ट्र और समाज के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना ही सच्ची देशभक्ति है।”

उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज के कई महापुरुषों ने देश की अस्मिता और स्वाभिमान की रक्षा के लिए मुगलों और अंग्रेजों से युद्ध लड़ा और शहीद हुए, जिनमें भगवान बिरसा मुंडा का नाम भी प्रमुख है। लेकिन आज आदिवासी, वनवासी और घुमंतू समाज बेहद दीन-हीन स्थिति में हैं। सरकारों ने इन्हें केवल वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है, जबकि आज भी यह समाज जल, जंगल और ज़मीन पर निर्भर है।

उन्होंने कहा कि पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने संसद में जातीय जनगणना की मांग उठाई है, ताकि हर समाज को उसकी जनसंख्या अनुपात में लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण, आरक्षित पदों पर भर्ती, ठेकेदारी प्रथा खत्म कर स्थायी नियुक्तियाँ देने, और बैंक व अन्य विभागों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने की मांग दोहराई।

मुख्य वक्ता इंजी. सत्यप्रकाश कुरील ने कहा—
“1857 की क्रांति केवल स्वतंत्रता का आंदोलन नहीं था, बल्कि यह सामाजिक समानता और न्याय की लड़ाई भी थी। आज जरूरत है कि हम उन्हीं आदर्शों से सीख लेकर समाज में भाईचारा और समरसता कायम करें।”

अशोक विश्वकर्मा ने भी संबोधित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को अपने इतिहास के वीरों से जोड़ना समय की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में जितेन्द्र पटेल, जगदीश पटेल, महेन्द्र लोधी, रामाधार पटेल और प्रकाश पटेल सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का विशेष सहयोग रहा।

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