नीम करौली बाबा को लेकर जगद्गुरु रामभद्राचार्य का बयान बना चर्चा का विषय, कहा- हनुमान जी को अब अवतार लेने की जरूरत नहीं…

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नई दिल्ली। नीम करौली बाबा का नाम पूरी दुनिया में श्रद्धा और रहस्य का प्रतीक बन चुका है। उनके भक्तों की संख्या लाखों में है, जिनमें स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग और विराट कोहली जैसे नामचीन हस्तियां भी शामिल हैं। बाबा के जीवन से जुड़े चमत्कारों और उनकी आध्यात्मिक शक्ति को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक सवाल जो अक्सर उठता है कि क्या नीम करौली बाबा वास्तव में हनुमान जी के अवतार थे?

इस सवाल पर हाल ही में जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी राय रखी, जो अब चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने कहा कि नीम करौली बाबा को लेकर लोगों की श्रद्धा बहुत गहरी है और कई भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं, लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से आस्था का विषय है, जिसे प्रमाणित करना आसान नहीं है।

उन्होंने कहा कि ऐसे संतों पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। ये सब श्रद्धा भाव है। हनुमान जी को अब अवतार लेने की जरूरत नहीं है। चारों जुग परताप तुम्हारा… हनुमान जी चारों युगों में हैं। समर्थ गुरु रामदास जी पर हनुमान जी की कृपा थी। नीम करौली बाबा जी पर भी हनुमान जी की कृपा थी। अवतार कहना तो अतिरंजना होगा।

रामभद्राचार्य ने कहा कि हनुमान जी के अवतार को लेकर जो भावनाएं हैं, वे भक्तों की श्रद्धा से जुड़ी हैं। नीम करौली बाबा ने अपने जीवन में जो चमत्कार दिखाए, जो सेवा की भावना रखी, वह निश्चित रूप से दिव्य थी। लेकिन किसी को भगवान का अवतार कहना एक गंभीर आध्यात्मिक विषय है, जिसे केवल श्रद्धा के आधार पर स्वीकार किया जा सकता है, वैज्ञानिक या शास्त्रीय प्रमाणों से नहीं है।

नीम करौली बाबा के जीवन की बात करें तो उन्होंने कभी खुद को किसी विशेष रूप में प्रस्तुत नहीं किया। वे सादगी से रहते थे, लोगों की मदद करते थे और हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते थे। उनके आश्रमों में आज भी हनुमान जी की पूजा प्रमुख रूप से होती है। बाबा के अनुयायियों का मानना है कि उनके भीतर हनुमान जी की शक्ति समाहित थी, और कई बार उन्होंने ऐसे चमत्कार किए जो सामान्य मानव की क्षमता से परे थे।

साभार सहित

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