वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में इजरायल मिशन: भारत-इजरायल रिश्तों में ‘ग्रोथ इंजन’ की तलाश

Business

इजरायल यात्रा: एक देश, अनेक अविष्कार और अटूट भारत-संबंध

इजरायल: वह देश, जहाँ आवश्यकता ने नवाचार को जन्म दिया, भारत के लिए प्रेरणा का स्रोत

पूरन डावर

अभी व्यापार एवं उद्योग के प्रतिनिधि मंडल में एक ऐसे देश में जाने का अवसर मिला, जिसके नाम से ही स्फूर्ति, सुखद अनुभूति एवं प्रेरणादायक वातावरण बन जाता है। छात्र जीवन से ही इजरायल की वीरता और नवाचार की कहानियां सुनते आ रहे हैं, हालाँकि इजरायल का जन्म हमसे एक वर्ष बाद 1948 में हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर की बड़ी मार से कराह रहा यहूदी समुदाय, ब्रिटेन के सहयोग से 1948 में मिडिल ईस्ट में 14 अरब देशों से घिरे छोटे से देश में पुनः बस गया, जिसमें विश्व में बिखरे यहूदी आकर बसे। इनमें 85 हजार भारतीय मूल के भी हैं।

छोटी-सी आबादी का देश, सीमित संसाधन, 60 प्रतिशत भूमि रेतीली, पानी नाम मात्र को एक लेक। रिसर्च और नवाचार पर बड़ा खर्च करने की चुनौती, पानी से लेकर कृषि पदार्थों की चुनौती। लेकिन कहते हैं आवश्यकता आविष्कारों की जननी होती है। आज स्वयं अपने पैरों पर ही नहीं, हर क्षेत्र में विश्व को मार्ग दिखा रहा है।

मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ होंकृपानी और कृषि। छोटी आबादी, एक-एक जीवन महत्वपूर्ण। मानव स्वास्थ्य हेतु चिकित्सीय क्षेत्र में आज एक अग्रणी देश जो चिकित्सीय क्षेत्र को न केवल अपने पैरों पर खड़ा करने की बात करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था में ग्रोथ इंजन बनने की राह पर है। देश की आंतरिक सुरक्षा हो या फिर बाह्य सुरक्षा, साइबर सुरक्षा हो या एआई, इजराइल आविष्कारों की जननी है, और रक्षा क्षेत्र में तो पूरा विश्व अचंभित है।

मात्र 1.20 करोड़ की आबादी का एक छोटा देश और पूरे विश्व में मात्र एक यहूदी देश। चारों तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ, इजरायल शोध पर एक बड़ा बजट, देश की जीडीपी का 6 प्रतिषत खर्च करता है। आम तौर पर इसराइल शांतिपूर्ण देश है। फिलिस्तीन सहित सबमें शांति चाहता है। अच्छी-खासी आबादी अरबी है। सनातन की तरह यहूदियों का भी ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ में विश्वास है।

लेकिन इस्लामिक देशों के मूल में है या धर्म के अर्थ को समझने की गलतीकृउन्हें लगता है इस्लाम के अतिरिक्त बाकी सब काफिर हैं, उनके जीने का अधिकार नहीं है। ईरान, जिसका कोई बाॅर्डर इजरायल के साथ नहीं लगता, फिर भी धार्मिक कट्टर सरकार ने घोषणा की है कि यहूदियों को जीने का अधिकार नहीं है, उसे खत्म करना ही लक्ष्य है।

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल जी के नेतृत्व में, प्रभावी उद्घाटन सत्र। इजरायल के आर्थिक मंत्री नीर बरकत की आपसी सहयोग की प्रतिबद्धता। दोनों देशों के बढ़ते हुए सहयोग एवं मजबूत रिश्ते, मुक्त व्यापार (एफटीए) की ओर बढ़ते कदम। बी-टू-बी मीटिंग्स, सीईओ फोरम में देश की बड़ी हस्तियों की प्रतिभागिताकृअमूल, एशियन पेंट, ओएनजीसी, चिकित्सा क्षेत्र की अग्रणी हस्तियाँ, नवाचार में निवेशक कंपनियाँ, कोहिनूर राइस, दावत राइस सहित फूड प्रोडक्ट्स कंपनियां, देश की मेट्रो रेल का काम कर रही अग्रणी कंपनी ए एफ सी ओ एन, देश के जाने-माने हीरा व्यापारियों के साथ। इन सबसे ऊपर देश का भविष्यकृबड़ी संख्या में स्टार्ट्स-अप और सबसे छोटे जाने जाने वाले, लेकिन रोजगारों की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण फुटवियर एवं लेदर गुड्स के प्रतिनिधि के रूप में मुझे भी प्रतिभागिता का अवसर मिला।

इजरायल जैसे देश में गाला डिनर विशुद्ध शाकाहारी और शाकाहारी में भी व्यंजन कैसे हो सकते हैं और 5 कोर्स मील भी हो सकता है! विभिन्न मुद्राओं में ओडिसी नृत्य। दोनों देशों के मंत्रियों आदरणीय पीयूष गोयल जी (पत्नी सीमा गोयल सहित) एवं इजरायल के आर्थिक मामलों के मंत्री श्री नीर बरकत (पत्नी सहित) सभी प्रतिभागियों से आत्मीयता से मिलना और छाप छोड़ने वाला स्नेहसिक्त उद्बोधन।

इजरायल के पूर्व प्रधान मंत्री शिमोन पेरेस के नाम पर बना शिमोन पेरेस इनोवेशन सेंटर इजरायल के लिए ही नहीं, पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक है, जिसमें नवाचार का प्रदर्शन तो है ही यह अपने देश के नेता शिमोन पेरेस के प्रति अथाह प्रेम एवं सम्मान में उनकी एक-एक स्मृति को संजोया गया है

चिकित्सीय क्षेत्र में मिडल ईस्ट का सबसे बड़ा अस्पताल शेबा हाॅस्पिटल, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी चेक पाॅइंट सहित कृषि क्षेत्र को देखने और समझने का मौका मिला। किस तरह कृषि को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उद्योग बनाया जा सकता है, निर्यात किया जा सकता है! कल्पना कीजिए, रेतीली भूमि वाला छोटा-सा देश, जिसके लिए अपने देश के लिए आपूर्ति करना भी चुनौती था, आज न केवल कृषि उत्पादों, बल्कि कृषि संयंत्रों सहित कृषि तकनीक निर्यात करने वाला अग्रणी देश है।

कुल मिलाकर हम सबको, अपने से छोटे भले ही हों, इन नवाचारों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना होगा। लक्ष्य विश्व की चैथी या तीसरी का नहीं, विकसित भारत और पहली अर्थव्यवस्था बनने का है। आयोजक संस्थाओं में फिक्की, सीआईआई एवं एसोचैम का सुंदर आयोजन के लिए आभार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *