समूचे उत्तर भारत में तेज गर्मी का प्रकोप, कई राज्यों में पारा 40 डिग्री से पार

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आगरा। वर्ष 2025 का मार्च का महीना बीत गया है। मार्च में इस बार आगरा समेत आसपास के जिलों, यहां तक समूचे उत्तर भारत में असामान्य रूप से तेज गर्मी देखी गई। मार्च के दूसरे सप्ताह से तापमान में तेज वृद्धि शुरू हुई और महीने के अंत तक कई राज्यों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया।

मार्च 2025 का अत्यधिक तापमान केवल एक अस्थायी घटना नहीं है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन और स्थानीय मौसम पैटर्न का परिणाम है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आगरा में गर्मियों की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि इस बार मार्च में अत्यधिक गर्मी के पीछे क्या कारण रहे। सबसे बड़ी वजह तो जलवायु परिवर्तन है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण भारत समेत दुनिया भर में औसत तापमान बढ़ता जा रहा है। इसका असर उत्तर भारत में भी देखा जा रहा है। आगरा में भी तापमान बढ़ने की यही वजह रही है।

ला नीना के कमजोर पड़ने से गर्म हवाओं का असर

2024 के अंत में ला नीना कमजोर पड़ने की वजह से इस मार्च के महीने में अधिक गर्मी पड़ी। ला नीना के कमजोर होने से गर्म हवाओं का असर अधिक हो गया। आगरा में इन दिनों मेट्रो समेत अन्य निर्माण कार्यों की कंक्रीट संरचनाओं के साथ ही वाहनों के कारण भी हीट आइलैंड प्रभाव बढ़ा है। इन दिनों आसमान साफ है, जिसकी वजह से नमी भी कम हो चुकी है। वर्षा और बादलों की अनुपस्थिति के कारण सूरज की किरणें सीधे ज़मीन को गर्म कर रही हैं।

पहले भी ऐसा हो चुका है

पिछले 10 वर्षों में आगरा और आसपास के इलाकों में कई बार मार्च में असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया जा चुका है। हालांकि, 2025 में यह वृद्धि अधिक तीव्र थी। 2022 और 2016 में भी मार्च के दौरान तापमान सामान्य से अधिक रहा था, लेकिन इन दोनों सालों के मुकाबले मार्च 2025 का तापमान अधिक रहा। उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से आने वाली गर्म हवाएं भी बढ़े हुए तापमान का कारण हो सकती हैं।

फसलों के उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा

इस बार मार्च में पड़ी सामान्य से अधिक गर्मी का दुष्प्रभाव गेहूं समेत रबी की दूसरी फसलों पर पड़ सकता है। फसलों की पैदावार घट सकती है, जिसका असर आगे चलकर खाद्य महंगाई बढ़ने के रूप में सामने आ सकता है। मार्च की गर्मी स्वास्थ्य पर के लिहाज से भी लोगों के लिए परेशान करने वाली रही। सबसे बड़ी बात कि मार्च के महीने में ही इस बार लोगों को अपने एसी और कूलर चलाने पड़ गये। इससे बिजली की मांग में भी बढ़ोतरी हुई।

पिछले वर्षों में भी बढ़ा था तापमान

हालांकि मार्च माह में तापमान का पिछले कुछ सालों का रिकार्ड देखें तो पिछले सालों में भी ऐसा होता रहा है। हालांकि आगरा का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहली बार पहुंचा है। 2020 में 38°C, 2021 में 36°C और 2022 37°C तक तापमान रिकार्ड किया जा चुका है।

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