जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई सम्पन्न।
सभ्य समाज में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु नहीं स्वीकार्य, मॉनिटरिंग हेतु एक एसीएमओ को बनाएं नोडल,गर्भवती माताओं की प्रसव पूर्व सघन जांच तथा काउंसलिंग कराने के दिए कड़े निर्देश
जनपद में विगत 06 माह से औसतन 10 हजार से अधिक प्रतिमाह प्राप्त करने बाली टॉप 06 आशाओं को प्रेरित करने हेतु दिया जाएगा उपहार स्वरूप फ्रिज
आगरा, 19 अक्टूबर। जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा की गयी, जिसमें विकास खण्ड शमशाबाद, जैतपुर कला में प्रसव कराने में गिरावट दर्ज की गयी। आशाओं द्वारा सहायतित कराए गए प्रसव में भी खंदौली, शमशाबाद, सैंया तथा जिला महिला चिकित्सालय व एस0एन0 मेडिकल कालेज में भी कमी दर्ज की गई, सिजेरियन केस की समीक्षा में भी स्थित संतोषजनक नहीं मिली, जिलाधिकारी महोदय ने आशा व एएनएम पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि जांच में आशा, एएनएम प्राइवेट अस्पतालों में यदि प्रसव कराते मिली तो कठोर कार्यवाही होगी। उन्होंने ब्लॉकवाइज सूची बनाने कि जब सीएचसी, पीएचसी पर प्रसव नही हुए तो यह किन अस्पतालों में हुए के निर्देश दिए।उन्होंने अधिकतम प्रसव केन्द्रों पर प्रसव कराने के निर्देश दिए।
बैठक में स्वास्थ्य विभागमें संपूर्ण टीकाकरण अभियान में काम करने वाले लिंक वर्कर्स , आशा आदि के मानदेय का भुगतान न किए जाने की बात पर सीएमओ व संबंधित एसीएमओ से कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा सभी अर्बन सीएचसी प्रभारियों से मानदेय भुगतान दीपावली से पूर्व सभी लंबित भुगतान करने को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने आगामी बैठक से सभी सीएचसी,पीएचसी प्रभारी को कार्यस्थल पर रहने तथा ऑनलाइन बैठक में उपस्थित रहने के निर्देश दिए। बैठक में आईएमआई 5.0, ऐसे 0.5 वर्ष के बच्चे जो अभी तक टीकाकरण से वंचित हैं, उन्हें घर-घर जाकर चिन्हित कर टीकाकरण करने यूनिसेफ के प्रतिनिधियों को सभी की ट्रेनिंग कराने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी ने आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की समीक्षा की जिसमें संतुष्टिजनक प्रगति पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा लगातार कार्ड बनाने की गति बढ़ाने को निर्देशित किया, जनपद में मातृ मृत्यु दर में 16 महिलाओं की मृत्यु होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा प्रत्येक केस की बैठक में स्टडी की तथा कारण जाने जिनमें वीक प्रिगनेंसी से 04, एनीमिया तथा हार्ट फेल से 03, पीपीएच से 03, तेज बुखार तथा हाई ब्लड प्रेशर से 02, किडनी डेमेज,, लीवर डेमेज जैसे कारण से मृत्यु होना बताया गया, जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए कि किसी भी सभ्य समाज में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु स्वीकार्य नहीं होती, एक भी केस न हो इस हेतु एक एसीएमओ नोडल बनाने, आशा, परिवार के सदस्यों से बात कर काउंसलिंग तथा केस स्टडी करने तथा मातृ मृत्यु न हो के समुचित उपाय करने के निर्देश दिए।बैठक में जनपद में पिछले 06 माह से लगातार प्रतिमाह 10 हजार से ज्यादा भुगतान प्राप्त करने बाली 06 आशाओं को एक एक फ्रिज उपहार में देने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी अरूण कुमार श्रीवास्तव, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा0 संजीव वर्मन, डीपीएम कुलदीप भारद्वाज, डब्ल्यूएचओ से श्रीमती महिमा, यूनिसेफ से अरविन्द शर्मा सहित सी0एच0सी0, पी0एच0सी0 प्रभारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।