सूचना आयुक्त ने ज़िला पूर्ति अधिकारी कासगंज संजय कुमार पर 25000 रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया

Press Release दिल्ली/ NCR स्थानीय समाचार

आगरा, 18 मई।राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती द्वाराआज आयुक्त सभागार में आगरा व अलीगढ़ मंडल से संबंधित चौथे दिन आरटीआई की जनसुनवाई करते हुए ज़िला पूर्ति अधिकारी कासगंज संजय कुमार पर 25000 रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया गया। क्योंकि अपीलकर्ता को सूचना देने के बदले उनके द्वारा ये बताया कि माँगी गई सूचनाएँ वेब पोर्टल पर उपलब्ध है ।जब इनका प्रतिनिधित्व कर रहे अनिल कुमार कार्यालय सहायक से आयुक्त ने उक्त पोर्टल के लिंक के बारे पे पूछा और उनसे पोर्टल का लिंक खोलकर सूचना दिखाने को कहा गया कि वो पोर्टल का लिंक खोलकर सूचनाओं को आयोग को दिखाए किंतु वे असफल रहे ।
आयुक्त द्वारा प्रश्न किया कि जब विभाग ही उक्त पोर्टल खोलने में असमर्थ है तो वादी से कैसे अपेक्षा की जा सकती है वह पोर्टल खोल लेगा , आयुक्त द्वारा एक और मौक़ा देते हुए उक्त कार्मिक को आदेशित किया कि अपने कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद लेकर पोर्टल खोल के दिखाएं लेकिन उनके द्वारा आयोग के उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया गया । जिस क्रम में आयोग द्वारा अपीलकर्ता को अपूर्ण एवं सूचनाये विलंब से उपलब्ध कराने पर जनसूचना अधिकारी संजय कुमार पर 25000 का अर्थदंड अधिरोपित करते हुए उनके वेतन से वसूली का आदेश पारित किया गया। इसी क्रम में आयुक्त द्वारा जनसूचना अधिकारियों को कड़े निर्देश के साथ कहा की यदि सूचनाएँ पोर्टल पर उपलब्ध हैं तो उसे स्वयं पोर्टल खोल कर सुनिश्चित करें कि वास्तव में माँगी गई सुचारू पोर्टल पर उपलब्धहैं कि नहीं फिर अपीलकर्ता को सूचित करें, इसी क्रम में ज़िलाधिकारी फ़िरोज़ाबाद कार्यालय के जनसूचना अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी व तहसीलदार पुष्पेन्द्र कुमार सिंह पर अपूर्ण सूचना व विलंब से सूचना देने पर 25-25 हज़ार का अर्थदंड अधिरोपित किया गया । उनकी ओर से उपस्थित लेखपाल सत्येन्द्र कुमार आयोग के समक्ष सूचनाओं के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने में असमर्थ रहे । आज आयोग द्वारा 220 प्रकरण की सुनवाई हुई जिसमें 90 प्रतिशत मामलों को नि सतारण किया गया । आज की सुनवाई में लगभग 80% मामलों में महीनों से लंबित सूचनाओं को उपलब्ध करवाया गया।इस अवसर पर पेशकार अनिल त्रिखा, निजी सचिव अंकीश पांडेय, ऋषभ सिंह सहित विभिन्न विभागों के जन सूचना अधिकारी उपस्थित रहे।

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