केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र-मोदीपुरम, मेरठ की टीम ने आलूप्रक्षेत्र सींगना का किया निरीक्षण
आगरा, 12 दिसंबर। केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र-मोदीपुरम, मेरठ (उ.प्र.) की आलू समिति के सदस्यों ने राजकीय आलू प्रक्षेत्र सींगना आगरा पर बुवाई की गई बीज आलू फसल (कुफरी ख्याति, कुफरी पुखराज, कुफरी बहार, कुफरी मोहन एवं कुफरी गंगा) का निरीक्षण गत दिवस किया गया। जिसमें पाया कि बीज आलू फसल के निरीक्षण के दौरान कुफरी ख्याति प्रजाति में ब्रिप्स का प्रकोप पाया गया और तनों पर नेकरोसिस लक्षण भी थे जो स्टेम नेक्रोसिस विषाणु के जैसे प्रतीत हो रहे थे। सामान्यतया भिप्स स्टेम नेक्रोसिस विषाणु के वाहक के रूप में कार्य करते है।कुफ़री बहार प्रजाति में भी थ्रिप्स का हल्का प्रकोप पाया गया। समांतया प्रिप्स अधिक तापक्रम और कम नमी वाले खेतों में अधिक पाये जाते हैं। बीज आलू फसल में एवं फसल के आस-पास खरपतवार का नियंत्रण करें जिससे थ्रिप्स व अन्य कीड़ों का प्रकोप कम से कम हो। बीज आलू फसल की बुवाई अनुकूल तापक्रम के हिसाब से करनी चाहिए।
बीज आलू फसल की रोगिग कम से कम तीन बार 30-35, 45-55 एवं 65-75 दिन पर अवश्य करनी चाहिए साथ ही साथ रोगिग के दौरान बीमारी ग्रसित पौधो को कंद सहित निकलना चाहिए। लगभग 80% जमाव पर imidacloprid 17.8 SL 4.0 एमएल 10 लीटर, या Thiamethxom 25%WG 5.0 ग्राम/10 मीटर या पायीमेट्रोजीन 4.0 ग्राम 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें एवं तत्पश्चात 10-15 के अंतराल पर उपरोक्त में अन्य किसी एक कीटनाशक का छिडकाव करना चाहिए। बीज आलू की फसल के लिए मिट्टी चढ़ाते समय (20-25 दिन 20 किलोग्राम कटेप हाइड्रो क्लोराइड/हे का प्रयोग करना चाहिए। इस समिति के अध्यक्ष आर के सिंह हैं साथ में उपनिदेशक उद्यान डीपी सिंह यादव व अन्य अधिकारी रहे।