भारत ने पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताई, कूटनीति के मार्ग पर लौटने का किया आह्वान

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भारत ने पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता जताई हैं। भारत ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव और संघर्ष पर चिंता जताते हुए सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और कूटनीति के मार्ग पर लौटने का आह्वान किया।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा और क्षेत्र तथा उससे परे शांति और स्थिरता पर इसके प्रभाव से बहुत चिंतित हैं। हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने तथा वार्ता और कूटनीति के मार्ग पर लौटने का आह्वान करते हैं।

बयान में कहा गया कि जारी शत्रुता किसी के लिए भी लाभकारी नहीं है, निर्दोष बंधकों और नागरिक आबादी को लगातार कष्ट भोगना पड़ रहा है। मंत्रालय ने बताया कि क्षेत्र में हमारे मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं।

शनिवार की सुबह इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने घोषणा की कि उनकी सेना ने ईरानी सैन्य ठिकानों पर “सटीक हमले” किए हैं, यह हमला तेहरान द्वारा इजरायल की ओर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलों को दागे जाने के लगभग एक महीने बाद किया गया है। इस महीने की शुरुआत में ईरान द्वारा तेल अवीव की ओर मिसाइलों की बौछार करने के कुछ सप्ताह बाद इजरायल ने यह हमला किया। ईरान द्वारा किए गए हमले लेबनान में इजरायली सेना और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के बीच लगभग एक साल तक चले संघर्ष के बाद हुए हैं, जिसमें वरिष्ठ नेतृत्व की मौतें और गाजा पट्टी में लड़ाई शामिल है।

दरअसल, दोनों पक्षों ने सीमा पार से हमले किए, जिसमें हिजबुल्लाह ने अपने सहयोगी हमास और इजरायल के समर्थन में हमले किए, ताकि विस्थापित प्रवासियों को सीमा क्षेत्र में वापस लौटने का रास्ता साफ किया जा सके।

इजराइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशानी ने शनिवार को कहा कि इजराइल ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा किए जा रहे आतंकवादी हमलों के खिलाफ खड़ा है और उसने देश में सैन्य ठिकानों को सटीक निशाना बनाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इजराइल मध्य पूर्व में किसी भी स्थान तक बहुत बड़े पैमाने पर पहुंच सकता है।

एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में कोब्बी शोशनी ने मध्य पूर्व में संघर्ष के बारे में बात की और कहा कि उनकी कुछ शर्तें हैं, जिनमें हमास के पास कोई सैन्य क्षमता नहीं होना और लेबनान में सुरक्षा क्षेत्र होना शामिल है, जहां हिजबुल्लाह क्षेत्र छोड़ देगा और वहां लेबनान सेना होगीउन्होंने कहा, “यह बात हमें बहुत परेशान करती है…

इजरायल के कुछ मित्र हमास के साथ समाधान खोजने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हम भी समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। हमारी कुछ शर्तें हैं और उनमें से एक यह है कि हमास के पास कोई सैन्य क्षमता नहीं होगी… दूसरी बात, लेबनान में हम एक सुरक्षा क्षेत्र बनाना चाहते हैं, जहां हिजबुल्लाह क्षेत्र छोड़ देगा और लेबनान की सेना वहां रहेगी।”

वहीं दूसरी ओर ईरान की मीडिया ने शनिवार को कहा कि इजरायल द्वारा बढ़ते हमलों के जवाब में देश की वायु रक्षा प्रणाली को मध्य तेहरान में सक्रिय कर दिया गया है। सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए (IRNA) ने कहा कि ईरान ने तेहरान प्रांत के आसपास के हवाई क्षेत्र में “प्रतिकूल लक्ष्यों”को सफलतापूर्वक मार गिराया है।

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