जापान को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था

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नई दिल्ली। जापान को पीछे छोड़कर भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। शनिवार (24 मई, 2025) को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने ये जानकारी दी। उन्होंने नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद कहा कि ग्लोबल और इकोनॉमिक माहौल भारत के अनुकूल बना हुआ है

सुब्रमण्यम ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के लिए अभी माहौल अच्छा है। देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। सुब्रमण्यम ने पीटीआई को बताया, ‘अभी हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हमारी अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों का हवाला देते हुई इसकी पुष्टि की है।

बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा, मैं जब बोल रहा हूं, तब हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। मैं जब बोल रहा हूं, तब हम 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं और यह मेरा डेटा नहीं है, यह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का आंकड़ा है।

सुब्रह्मण्यम ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2026 में जीडीपी करीब 4,187.017 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह जापान की संभावित जीडीपी से थोड़ा अधिक है, जिसका अनुमान 4,186.431 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत एक ऐसे चरण में है, जहां यह बहुत तेज़ी से विकास कर सकता है। जैसा कि पहले कई देशों ने किया है।

सिर्फ ये तीन देश आगे

आईएमएफ के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था जापान से बड़ी हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ अमेरिका, चीन और जर्मनी ही भारत से आगे हैं। अगर हम योजना के अनुसार काम करते रहे तो अगले 2.5-3 सालों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

6.8% रह सकती है जीडीपी ग्रोथ रेट

वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में देश की GDP ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रह सकती है। इसका मतलब है कि देश की इकोनॉमी इस दौरान तेजी से बढ़ी है। इस बढ़ोतरी के पीछे खेती किसानी, होटल, ट्रांसपोर्ट और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर्स का मजबूत प्रदर्शन है। केयरएज रेटिंग्स नाम की एक संस्था की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार गांवों में लोगों की खरीदारी बढ़ी है, जिससे खपत मजबूत हुई है। हालांकि शहरी इलाकों में खरीदारी का रुझान मिला जुला रहा है।

भारत में चीजें बनना सस्ता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वे चाहते हैं कि ऐपल कंपनी आईफोन अमेरिका में ही बनाए, भारत में नहीं। इस पर सुब्रमण्यम ने कहा कि टैरिफ क्या होगा, यह कहना मुश्किल है लेकिन अभी भारत में चीजें बनाना सस्ता है।

सुब्रमण्यम ने यह भी बताया कि सरकार एक बार फिर अपनी संपत्तियों को किराए पर देगी या बेचेगी। इसे एसेट मोनेटाइजेशन कहते हैं। इसका दूसरा दौर अगस्त में शुरू होगा। इससे सरकार को और पैसे मिलेंगे, जिससे देश का विकास होगा।

– साभार सहित

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