Agra News: निवेश के नाम पर रिश्तेदारों ने की 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

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आगरा। ईमान जब गिरता है, नीयत जब खराब होती है तो अपने ही अपनों से धोखा करते है, फिर वह चाहे प्रोपर्टी हो या फिर पैसा। ऐसा ही वाक्या गुजरा है पारस पर्ल्स एक्सटेंशन निवासी कविता गुप्ता के साथ। उनके कुछ रिश्तेदार, निधि अग्रवाल, निखिल अग्रवाल, नितिन अग्रवाल और प्रियंका अग्रवाल, निवासी एफ-631, कमला नगर पेशे से वकील एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, इन्होंने कविता गुप्ता से निवेश के नाम पर लगभग 2.5 करोड़ रुपये लिए थे। उनका दावा था कि यह धनराशि जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन खरीदने के लिए ली जा रही है। यह राशि उनसे जून-जुलाई 2024 में मात्र दो महीने की अवधि के लिए ली गई थी।

कविता गुप्ता को सुरक्षा के तौर पर कुछ चेक दिए गए, लेकिन छह महीने बीतने के बाद भी न तो रकम लौटाई गई और न ही दिए गए चेक क्लियर हुए। सभी चेक बाउंस हो गए।

चैक बाउंस में राजस्थान के कुम्हेर में इन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है और जयपुर में नीरज द्वारा न्यायालय में केस भी दायर किया जा चुका है। इसके अलावा, आगरा में विष्णु सिकरवार द्वारा 20 लाख रुपये के चेक बाउंस का मामला भी दर्ज कराया गया है।

कविता गुप्ता ने बताया कि उनको दिये गये सभी चार चेक बाउंस हो चुके हैं, जिनमें दो चैक 5-5 लाख रुपये के, एक 1.86 करोड़ रुपये का और एक 45 लाख रुपये का है।

जब कविता गुप्ता 11 नवंबर 2024 को इनके घर गई थी, तब उन्हें वादियों द्वारा धमकियाँ दीं, जिसकी वजह से वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो गई।

यह धोखाधड़ी सिर्फ कविता गुप्ता के साथ ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों को भी इसी तरह ठगा गया है। जिनमें ओरेंज फैशन की ऋतु मित्तल, राम ज्वैलर्स, ए पी ज्वैलर्स, जी पी ज्वैलर्स और कई अन्य लोग शामिल हैं।

कविता गुप्ता के द्वारा इस धोखाधड़ी की शिकायत लेकर तीन बार पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। बावजूद इसके, अब तक दोषियों के खिलाफ न कोई ठोस कार्रवाई हुई है और न ही कोई मुकदमा दर्ज किया गया है।

इसके अलावा कविता गुप्ता द्वारा इस मामले की जानकारी तत्कालीन मंडलीय आयुक्त ऋतु माहेश्वरी को भी दी गयी थी। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

कविता गुप्ता एवं अन्य सभी ने पुलिस प्रशासन से मांग की हैं कि दोषियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। यदि जल्द न्याय नहीं मिला, तो हमें धरना प्रदर्शन करने और मुख्यमंत्री से संपर्क करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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