ईश भक्ति के एक निराले मामले में यहां करीब 25 वर्षीया युवती ने श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ विवाह रचा लिया। इस विवाह में सभी मंगल कार्य विधि-विधान से सम्पन्न हुए और सैकड़ों लोग इस विवाह के साक्षी बने। बाकायदा ठाकुर जी दूल्हा बने और 25 साल की रुक्मिणी दुल्हन बनी। बग्घी में श्रीकृष्ण के विग्रह को विराजमान कराया गया। बैंड बाजों की धुन पर बाराती खूब नाचे। विवाह के साथ कन्यादान हुआ।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मथुरा के अरहेरा गांव की रहने वाली 25 साल की रुक्मिणी के तीन भाई हैं और उनकी अकेली बहन हैं। पिता परमानंद रावत अपनी बेटी के लिए रिश्ता देख रहे थे, लेकिन बेटी तो श्रीकृष्ण को अपना प्रियतम मान चुकीं थी। बेटी ने परिजनों के सामने इच्छा रखी कि वह श्रीकृष्ण से विवाह करेगी। परिजनों ने बरसाना के मान मंदिर में संपर्क किया। रुक्मिणी से विवाह कराने के लिए वृंदावन से लड्डू गोपाल मंगाए गए और विवाह की तैयारी शुरू हो गई।
बुधवार को बरसाने से साधु संत सहित बारातियों के साथ श्रीकृष्ण दूल्हा बनकर बग्घी में अरहेना गांव पहुंचे। वहां रीति रिवाज से विवाह हुआ, कन्यादान किया गया। इसके बाद बारात को विदा कर दिया गया। गुरुवार को श्रीकृष्ण और रुक्मिणी वापस अरहेना गांव आ जाएंगी। इसके बाद वे अरहेना गांव में ही रहेंगे।
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