आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का शुद्ध लाभ 76% बढ़ा, दूसरी तिमाही में 352 करोड़ रुपए कमाए

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दिल्ली: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के लिए मजबूत वित्तीय प्रदर्शन दर्ज किया है। बैंक का कर-पश्चात लाभ (पीएटी) 30 सितंबर 2025 को समाप्त तिमाही में 352 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 76% अधिक है।

बैंक ने अपने वित्तीय परिणाम जारी करते हुए बताया कि कुल ग्राहक व्यवसाय सालाना 21.6% बढ़कर 5.35 लाख करोड़ रुपए पर पहुँच गया। वहीं, ऋण और अग्रिमों में 19.7% की वृद्धि के साथ यह आंकड़ा 2.66 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया।

जमा में 23% वृद्धि, CASA अनुपात 50% के पार

ग्राहक जमा में सालाना 23.4% की बढ़ोतरी हुई और यह 2.69 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गई। बैंक का सीएएसए अनुपात (चालू और बचत खातों का अनुपात) बढ़कर 50.07% हो गया, जो पिछली तिमाही के मुकाबले 208 आधार अंक अधिक है। फंड की लागत भी घटकर 6.23% रह गई है।

परिसंपत्ति गुणवत्ता स्थिर

बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता मजबूत बनी हुई है।

सकल एनपीए (Gross NPA) 1.86% रहा (पिछली तिमाही: 1.97%)

शुद्ध एनपीए (Net NPA) 0.52% रहा (पिछली तिमाही: 0.55%)

एसएमए 1+2 (खुदरा, ग्रामीण व एमएसएमई) 0.90% दर्ज किया गया।

माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में सुधार

बैंक ने बताया कि माइक्रोफाइनेंस पोर्टफोलियो में सालाना 41.6% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता में और सुधार आया है। माइक्रोफाइनेंस में दबाव कम होने के कारण बैंक ने इस तिमाही में 75 करोड़ रुपए के प्रावधान बफर का उपयोग किया, जबकि 240 करोड़ रुपए का आकस्मिक प्रावधान अब भी बरकरार रखा गया है।

मुख्य परिचालन लाभ और पूंजी पर्याप्तता

बैंक का मुख्य परिचालन लाभ 1,825 करोड़ रुपए रहा, जबकि पूंजी पर्याप्तता अनुपात 14.34% दर्ज किया गया। 7,500 करोड़ रुपए की सीसीपीएस पूँजी को इक्विटी में परिवर्तित किए जाने के बाद यह अनुपात 16.82% तक पहुँचने का अनुमान है।

व्यवसाय वृद्धि और नए माइलस्टोन

बैंक द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड्स की संख्या 40 लाख तक पहुँच गई।

प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट का एयूएम 28% बढ़कर 54,693 करोड़ रुपए पर पहुँचा।

तिमाही के दौरान प्रावधानों में 12.5% की कमी आई, जो 1,659 करोड़ रुपए से घटकर 1,452 करोड़ रुपए रह गए।

सीईओ की टिप्पणी

बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्री वी. वैद्यनाथन ने कहा,  “एमएफआई व्यवसाय में जो दबाव था, वह अब कम होता दिख रहा है। एमएफआई को छोड़कर बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता लंबे समय से स्थिर बनी हुई है। हमें विश्वास है कि फंड की लागत में कमी और संचालन में कुशलता से बैंक की लाभप्रदता और बेहतर होगी। वित्त वर्ष 25 में कुल व्यवसाय 22.7% बढ़ा था, जबकि परिचालन व्यय में केवल 16.5% की वृद्धि हुई। इसी तरह वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में व्यवसाय 21.6% बढ़ा और व्यय में केवल 11.8% वृद्धि हुई — यह हमारी स्थायी वृद्धि का संकेत है।”

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