लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वॉर तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश मुख्यालय पर लगाए गए एक होर्डिंग ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। इस बोर्ड में सपा और भाजपा के गठबंधनों की तुलना करते हुए उनके फुल फॉर्म को मजाकिया अंदाज में पेश किया गया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
होर्डिंग में सपा के PDA का फुल फॉर्म “पैरामेडिकल एंड मेडिकल कॉलेज डेवलपमेंट एलाइंस” बताया गया है, जबकि भाजपा के NDA को “नेशनल ड्रग डिफाल्टर माफिया एलाइंस” लिखा गया है। इसके साथ ही कोडीन कफ सिरप तस्करी से जुड़े एक मामले के संदर्भ में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की कोठी, लग्जरी गाड़ियों और बुलडोजर की तस्वीरों को भी व्यंग्य के रूप में दर्शाया गया है।
यह होर्डिंग समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश महासचिव अवनीश यादव की ओर से लगाई गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा ने इस पोस्टर के जरिए भाजपा पर तीखा हमला करते हुए जनता का ध्यान कोडीन कफ सिरप से जुड़े मामलों की ओर खींचने की कोशिश की है। सोशल मीडिया पर यह पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है—कुछ लोग इसे हल्के-फुल्के व्यंग्य के तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ इसे गंभीर राजनीतिक संदेश मान रहे हैं।
कोडीन कफ सिरप मुद्दे पर सियासत गरम
कोडीन कफ सिरप से जुड़े मामलों को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर है। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी तीखी बहस देखने को मिली है। सपा सरकार से जवाब मांगते हुए इसे बड़े स्तर का राजनीतिक सवाल बता रही है।
दूसरी ओर, इस मसले पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच सीधा टकराव नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री का आरोप है कि कोडीन तस्करी से जुड़े लोगों के तार समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। इसके जवाब में अखिलेश यादव लगातार सवाल उठा रहे हैं कि जिन पर गंभीर आरोप हैं, उनके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई कब होगी।
इस तरह कोडीन कफ सिरप का मामला अब केवल जांच या कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावी सियासी हथियार बनता जा रहा है।
