आगरा, 28 जनवरी। रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बने मंदिर और मस्जिद हटाए जाने की कार्यवाही रेलवे प्रशासन की ओर से की जा रही है। इसी कार्यवाही के अंतर्गत शुक्रवार को रेलवे प्रशासन की टीम दल बल के साथ ईदगाह रेलवे स्टेशन स्थित मंदिर को हटाने के लिए पहुंची थी। जानकारी होते ही हिंदूवादी संगठन के नेता और कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। बवाल और प्रदर्शन होने की आशंका के बीच रेलवे के अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों से वार्ता की और मंदिर के पुजारी को 30 जनवरी तक मंदिर को स्वयं हटाने के निर्देश देकर वापस लौट आए। इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा के एक कार्यकर्ता ने बड़ा ऐलान कर दिया। उसने कहा कि अगर ईदगाह स्टेशन पर स्थित मंदिर को हटाया गया तो वह स्टेशन पर ही आत्मदाह कर लेगा। मंदिर हटाए जाने की सूचना मिलते ही हिंदूवादी संगठन अखिल भारत हिंदू महासभा की पदाधिकारी और कार्यकर्ता ईदगाह रेलवे स्टेशन पहुंच गए लेकिन तब तक रेलवे के अधिकारी पुजारी से वार्ता कर चुके थे और फिर हिंदू वादियों के पहुंचने पर अधिकारी वापस लौट आए। इसके बाद हिंदूवादी नेताओं ने मंदिर के पुजारी से वार्ता की तो पुजारी ने अपनी पूरी व्यथा बताई।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि ईदगाह रेलवे स्टेशन के इस मंदिर को रेलवे प्रशासन की टीम हटाने और तोड़ने के लिए आई थी। यह मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराना है। जब यह मंदिर बना था उस समय यहां पर यह स्टेशन नहीं था लेकिन अब रेलवे इस जमीन को अपनी बताकर इस 100 साल पुराने मंदिर को तोड़ रहा है। अभी रेलवे अधिकारी आए थे और इस मंदिर को खाली करने और शिफ्ट करने के निर्देश जारी कर गए हैं।
इस बीच अखिल भारत हिंदू महासभा के एक कार्यकर्ता ने रेलवे अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि रेलवे मंदिरों को हटाकर उनकी भावनाओं के साथ खेल रहा है। कुछ लोग पहले से ही सनातन धर्म को अपना निशाना बनाए हुए हैं और ऐसे में रेलवे इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देकर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है। उसने ऐलान कर दिया कि ‘रेलवे ने ईदगाह स्टेशन स्थित इस प्राचीन मंदिर हटाया तो वह स्टेशन पर ही आत्मदाह कर लेगा।’