कर्नाटक में नहीं थम रहा हनुमानजी के झंडे का विवाद, हिंदू संगठनों ने दी चेतावनी

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कर्नाटक में 26 जनवरी को उठे हनुमानजी के झंडे का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। 108 फीट की ऊंचाई पर लहरा रहे हनुमान के झंडे के हटाने के बाद कर्नाटक का मांड्या उबल पड़ा था। बीते लगभग एक हफ्ते से यहां शांति का माहौल था लेकिन एक बार फिर से राज्य में अंदर ही अंदर अशांति फैल रही है।

हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि जब तक 108 फीट से हटाए गए हनुमान के झंडे को वापस नहीं लगाया जाता, वे शांत नहीं बैठेंगे। विश्व हिंदू परिषद ने तो सरकार को उनकी मांग न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने के चेतावनी तक दी है। हिंदू संगठन लगातार कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिकारियों ने मांड्या जिले में भी सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां दुकानें बार-बार बंद हो रही हैं। लोगों को कुछ बड़ा होने का संदेह डरा रहा है।

मांड्या जिले को चारों तरफ से घेर लिया गया है। भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पुलिस ने कांग्रेस विधायक गनीगा रवि के आवास पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। बीजेपी और जेडीएस ने भी विरोध प्रदर्शन का मौन समर्थन किया है।

हर दफ्तर के बाहर करेंगे हनुमान चालीसा का पाठ

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल सहित हिंदू संगठनों ने मांग की है कि राज्य सरकार मांड्या जिले के केरागोडु गांव में 108 फीट ऊंचे ध्वज स्तंभ के ऊपर हनुमान ध्वज को फिर से स्थापित करे। संगठन सभी जिला आयुक्त अधिकारियों और तहसीलदार कार्यालयों के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बना रहे हैं। हनुमान ध्वज हटाने के घटनाक्रम के बाद संगठनों ने पूरे राज्य में भगवा ध्वज फहराने का अभियान भी चलाया था।

कर्नाटक को हिंदुत्व की प्रयोगशाला बनाने का आरोप

राज्य सरकार ने इस मामले पर भड़काऊ पोस्ट पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है जबकि बीजेपी ने मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य में अघोषित आपातकाल है। आरडीपीआर और आईटी तथा बीटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा है कि भाजपा और संघ परिवार ने तटीय क्षेत्र को अपनी हिंदुत्व प्रयोगशाला बना लिया है। उन्होंने कहा, ‘वे अब मांड्या जिले में सक्रिय हैं और हिंदुत्व प्रयोग कर रहे हैं।’

वीएचपी की चेतावनी

विश्व हिंदू परिषद ने कर्नाटक सरकार को चेतावनी दी कि यदि अधिकारियों के हटाए गए हनुमान पताका को दोबारा स्थापित नहीं किया गया तो परिणामों के लिए सिद्दारमैया सरकार जिम्मेदार होगी। मांड्या जिले के केरागोडु गांव में एक मस्तूल से हनुमान की पताका हटाने की निंदा करने के लिए एक विरोध-प्रदर्शन के दौरान सभा को संबोधित करते हुए वीएचपी नेता शरण पंपवेल ने कहा कि यदि पताका को बहाल नहीं किया गया तो हिंदू संगठन और बजरंग दल ‘केरागोडु चलो’ आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि वीएचपी और बजरंग दल के सभी सदस्य केरागोडु गांव में एकत्र होंगे। भले ही हमारे खिलाफ मामले दायर किए जाएं या हमें विरोध का सामना करना पड़े, हम किसी भी कीमत पर हनुमान की पताका को फिर से स्थापित करेंगे। राज्य सरकार परिणामों के लिए जिम्मेदार होगी।

परिणाम भुगतने की धमकी

वीएचपी नेता ने कहा कि प्रदेश के हर जिले में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। सीएम सिद्दारमैया के आदेश के बाद हनुमान की पताका को अचानक हटा दिया गया। वहां दशकों तक बिना किसी विवाद के पताका फहराई जाती रही। वोट बैंक की राजनीति के लिए हनुमान ध्वज को हटाकर वहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।

ग्रामीण कह रहे हैं कि वे एक और ध्वज स्तंभ स्थापित करेंगे। शरण ने कहा कि राज्य में हिंदू विरोधी सरकार है जिसने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की चाल चली। उन्होंने कहा कि वे मुस्लिम मतदाताओं को खुश करने में सफल रहे लेकिन आज तक सरकार बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगा पाई है और भविष्य में भी ऐसा संभव नहीं होगा।

-एजेंसी

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