शासन ने उद्यान विभाग के पांच अधिकारी किए निलंबित

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■ दैनिक श्रमिकों का विनियमितीकरण करने पर सभी अधिकारी गंभीर वित्तीय व प्रशासनिक अनियमितताओं प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए

मुकेश कुमार अध्यक्ष नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा जनपद आगरा व मथुरा में अभिलेखों की कूटरचना की गई

■ पात्र दैनिक श्रमिकों के विनियमितीकरण से वंचित किया गया

आगरा। शासन द्वारा आगरा और मथुरा में उद्यान  विभाग के लगभग 139 कर्मचारियों के विनियमितीकरण करने के मामले में जांच में दोषी पाये जाने पर उद्यान विभाग के पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। राज्यपाल की और से इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने निदेशक उद्यान  को एक पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि मथुरा निवासी अविनाश कुमार चतुवेर्दी द्वारा वर्ष 2020 में उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका  दायर की थी। जिसमें उन्होंने उद्यान  विभाग के अधिकारियों द्वारा आगरा और मथुरा में करीब 139 कर्मचारियों  के विनियमितीकरण में भ्रष्टाचार और धांधली का आरोप लगाया था। इसी क्रम में याचिकाकर्ता ने 15 दिसंबर 2020 को शासन में शिकायती पत्र दिया था।
जिस पर उद्यान विभाग के निदेशक ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के वित्त नियंत्रक की अध्यक्षता में सहायक निदेशक स्तर के दो अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर जनपद मथुरा व आगरा में दैनिक श्रमिक के विनियमितीकरण में हुई भ्रष्टाचार की जांच करने हेतु निर्देशित किया था।  इस जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में मुकेश कुमार तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी मथुरा अध्यक्ष नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा जनपद मथुरा व आगरा में वर्ष 2014-16 में अभिलेखों की कूटरचना करने, बिना सृजित पद के दैनिक श्रमिकों के विनियमितीकरण करने, पात्र दैनिक श्रमिकों का विनियमितीकरण न करने, शासनादेश का उल्लंघन का दोषी पाया। इसके अलावा दैनिक श्रमिकों का विनियमितीकरण करने राजकीय औद्योगिक क्षेत्र अगरयाला पर वर्ष 2016 में डबल ड्राइंग कर शासकीय क्षति होने पर  निलंबित कर दिया है। अधीक्षक राजकीय उद्यान आगरा अध्यक्ष, नियुक्ति प्राधिकारी के कार्यकाल में वर्ष 2014 एवं वर्ष 2017 में द्वारा दुरभिसंधि कर अनियमित रूप से दैनिक श्रमिकों के विनियमितीकरण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओ के दोषी पायें गये। जिस पर शासन ने मुकेश कुमार तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी के विरुद्ध उ0प्र0 सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अधीक्षकअपील) नियमावली, 1999 के नियम – 4 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया है। वही आगरा के उद्यान अधीक्षक संजीव कुमार वर्मा व जगदीश प्रसाद तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी मथुरा द्वारा जानबूझकर जांच समिति को  अपेक्षित सहयोग नहीं प्रदान करने पर प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए इसी तरह सुरेश कुमार तत्कालीन जिला उद्यान अधिकारी मैनपुरी व बलजीत सिंह जिला उद्यान अधिकारी फिरोजाबाद द्वारा चयन समिति के सदस्य के रूप में 14 कर्मचारियों के विनायमतिकरण की संस्तुति की गई थी। जांच में दैनिक श्रमिकों की दुरभिसंधि कर विनियमितीकरण करने हेतु संस्तुति करने में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उनको निलंबित कर दिया है।

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