सरकार के साथ साथ अब Google ने भी डीपफेक वीडियोज को लेकर एक्शन मोड अपना लिया है. इसी के तहत वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने सेलिब्रिटी के एआई स्कैम वाले एड्स को रिमूव करना शुरू कर दिया है.
सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच डीपफेक मामले में मीटिंग भी हो चुकी है. ये बात पहले ही साफ हो चुकी है कि डीपफेक मामले में सरकार जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएगी. गूगल के स्वामित्व वाले वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Youtube ने मशहूर हस्तियों के डीपफेक स्कैम विज्ञापन वाले 1000 से ज्यादा वीडियो को रिमूव कर दिया है.
यूट्यूब ने इस बात को भी साफ कर दिया है कि कंपनी एआई सेलिब्रिटी स्कैम एड्स को प्लेटफॉर्म पर रोकने के लिए भारी निवेश कर रहा है. यूट्यूब का कहना है कि जांच के बाद 1000 से ज्यादा वीडियो को हटाने का बड़ा फैसला लिया गया है जिसमें स्टीव हार्वे, टेलर स्विफ्ट और जो रोगन जैसी मशहूर हस्तियों के एआई वीडियो शामिल हैं.
फेक वीडियो पर 20 करोड़ व्यू
चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस तरह की फेक वीडियो को यूट्यूब पर 200 मिलियन (20 करोड़) से ज्यादा व्यू मिले हैं. पिछले लंबे समय से यूजर्स और सेलिब्रिटी यूट्यूब से इस तरह की वीडियो को लेकर शिकायत कर रहे हैं.
यूट्यूब ने ये एक्शन माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म X पर टेलर स्विफ्ट के गैर-सहमति वाले डीपफेक वीडियो के वायरल होने के बाद उठाया है. पोस्ट के रिमूव होने से पहले पोस्ट पर 45 मिलियन (4.5 करोड़) व्यू और 24 हजार रीपोस्ट हो चुके थे. एक्स पर पोस्ट लगभग 17 घंटे तक लाइव रही.
404 मीडिया की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यूजर्स एआई से बनी महिलाओं की अश्लील तस्वीरों को टेलीग्राम ग्रुप में शेयर करते हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म डीपट्रेस की लेटेस्ट रिसर्च के मुताबिक, लगभग 96 फीसदी डीपफेक अश्लील होते हैं और महिलाओं से संबंधित होते हैं.
क्या है ये तकनीक
एआई की मदद से डीपफेक फोटो, ऑडियो और वीडियो को तैयार किया जाता है. डीपफेक टेक्नोलॉजी की मदद से तैयार किए फोटो और वीडियो को फिर वायरल कर असली खेल शुरू होता है.
– एजेंसी