पूर्व राज्यपाल वरिष्ठ नेता सत्यपाल मलिक का निधन, लंबे समय से थे बीमार

National

नई दिल्ली। कई राज्यों में राज्यपाल रह चुके वरिष्ठ नेता सत्यपाल मलिक का आज दोपहर निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे 79 वर्ष के थे और लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। विशेष रूप से उनके दोनों गुर्दे खराब हो चुके थे।

स्वास्थ्य चल रहा था लंबे समय से चिंताजनक

मई 2025 में उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद अपनी खराब तबीयत की जानकारी देते हुए लिखा था कि उनकी हालत बेहद गंभीर है और डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है। यही वह वक्त था सीबीआई ने उनके खिलाफ जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहते कीरू जल विद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट दायर की थी। तब सत्यपाल मलिक ने इन आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध बताया था।

राजनीतिक जीवन: पांच राज्यों के राज्यपाल, सांसद भी रहे

सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन अत्यंत विविधतापूर्ण रहा। वे भारत के पांच राज्यों- बिहार, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रह चुके थे। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के समय वे भी वहां के अंतिम राज्यपाल थे।

सत्यपाल मलिक ने अपना राजनीतिक जीवन चौधरी चरण सिंह की छत्रछाया में शुरू किया था। वे वे अलीगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रहे और राज्यसभा सदस्य के रूप में भी उन्होंने सेवा दी। 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद वे भाजपा में आ गये थे। भाजपा ने ही उन्हें पांच राज्यों का राज्यपाल नियुक्त किया था।

राज्यपाल पद पर रहते सरकार पर निशाने

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल पद से हटाकर गोवा भेजे जाने के बाद उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व पर ही हमले शुरू कर दिए थे। किसान आंदोलन के दौरान तो वे खुलकर केंद्र सरकार पर निशाना साधने लगे थे। राज्यपाल पद से हटने के बाद उन्होंने यह कहकर सनसनी मचा दी थी कि पुलवामा हमला केंद्र सरकार की वजह से ही हुआ क्योंकि उन्होंने सरकार को सुझाव दिया था कि सुरक्षा बलों का आवागमन रोड के बजाय हवाई जहाज से कराया जाए, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।

सीबीआई ने मलिक के खिलाफ दायर की थी चार्जशीट

अपने तीखे बयानों के बाद वे भाजपा और सरकार के निशाने पर आ गये थे। जम्मू-कश्मीर की जिस कीरू जल विद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ के कथित भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी, उसकी जांच भी मलिक के इस बयान पर शुरू हुई थी कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत ऑफर की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। सरकार ने इसी आधार पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी, जिसमें अब आकर उन्हीं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है।

साभार सहित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *