शिक्षा विभाग के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ किसानों ने एक आवश्यक बैठक रोहता बाग पर की । किसान नेता ने खोला मोर्चा
आगरा। लगातार सुर्खियों में चल रहे बेसिक शिक्षा विभाग की कथित अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने साफ कहा है कि निर्णायक कार्रवाई होने तक वह पीछे नहीं हटेंगे। जरूरत पड़ी तो वे न्यायालय की शरण लेंगे।
किसान नेता ने आरोप लगाया है कि जनपद के शिक्षा विभाग में निलंबन- बहाली की आड़ में मोटा खेल हुआ है। मनचाही तैनाती का लाभ देने के लिए शिक्षकों को पहले निलंबित किया गया, इसके बाद लघु आरोप में दीर्घ दंड लगाकर मनचाहा विद्यालय दे दिया गया। बाह और पिनाहट ब्लॉक के जिन शिक्षकों का दीर्घ दंड के रूप में दूरस्थ ब्लॉक के तहत खेरागढ़ और जगनेर ब्लॉक में बहाली मिलनी थी, उनको शहर के नजदीक ही तैनाती मिल गई। इसमें भी बड़ा फर्जीवाड़ा यह हुआ कि नॉन एचआरए वाले शिक्षकों को एचआरए विद्यालय प्रदान कर दिए गए। इससे सरकार को आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ेगी।
किसान नेता के मुताबिक निलंबन बहाली का पूरा खेल बीएसए जितेंद्र कुमार गोंड ओर शिक्षा माफिया की संलिप्तता से हुआ है। समायोजन से लेकर किताबों के परिवहन में एक बड़ी धनराशि को डकार लिया गया है। अब नया प्रकरण यह सामने आ रहा है कि विभिन्न विद्यालयों में बर्तन खरीद के नाम पर जो बिल बाउचर लगाए गए हैं, उनमें बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। बर्तन की निर्धारित कीमत से कई गुना अधिक कीमत पर उनकी खरीद दिखाकर धनराशि हजम कर ली गई, जबकि विभाग में प्रत्येक वर्ष ऑडिट किया जाता है। किसान नेता ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले विभागीय अधिकारियों के खिलाफ वह चुप नहीं बैठेंगे। अधिकारियों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री एवं शीर्ष अधिकारियों को लिखित रूप से शिकायत देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की जाएगी। कार्रवाई के नाम पर अधिकारियों ने लीपापोती करने की कोशिश की तो एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बैठक में मौजूद राकेश कुमार, देवेंद्र सिंह, गोविंद कुमार, अशोक सिंह चौहान, नरेंद्र फौजदार, आकाश शर्मा, गजेंद्र सिंह, शेखर सिंह, बांकेलाल शर्मा, जितेंद्र सिंह चाहर, सुरेंद्र सिंह, चित्रा सिंह, वासुदेव कुमार मौजूद थे।