AAP की इस हरकत से सुप्रीम कोर्ट भी हैरान, हाईकोर्ट की जमीन पर बना लिया दफ्तर

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दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ा आरोप लगा है। पार्टी पर आरोप है कि उसने दिल्ली हाई कोर्ट की जमीन हड़प कर उसपर अपना दफ्तर बना लिया है। आप के इस कदम पर देश की सर्वोच्च अदालत ने भी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये जमीन खाली कराने का आदेश दिया है और कहा कि किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी का ऑफिस दिल्ली हाई कोर्ट को दी गई राउज एवेन्यू के एक प्लॉट पर चल रहा है। ये बंगला पहले दिल्ली के परिवहन मंत्री का आवास था लेकिन बाद में पार्टी ने इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

दिल्ली सरकार पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

आम आदमी पार्टी की हरकत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। आखिर कोई राजनीतिक पार्टी उस जमीन पर कैसे जमी रह सकती है? उन्होंने दिल्ली सरकार से सोमवार तक वो जमीन वापस सौंपने की समय सीमा देने को कहा। सुनवाई के दौरान हालांकि किसी पार्टी का नाम नहीं लिया गया, लेकिन वकीलों ने पुष्टि की कि वो आम आदमी पार्टी (AAP) है।

आप की इस हरकत पर सुप्रीम कोर्ट भी हैरान

चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और मनोज मिश्रा की पीठ ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 6 साल पहले आवंटित जमीन पर अब भी एक राजनीतिक पार्टी का कब्जा है। यह जमीन जिला अदालत में न्यायिक बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के लिए दी गई थी।

अदालत ने कहा कि यह जमीन जजों के लिए बंगले बनाने के लिए जरूरी नहीं है, बल्कि वादियों को सुविधाएं देने और अदालत कक्ष बनाने के लिए जरूरी है और निर्देश दिया कि अदालत को इस जमीन पर बिना किसी अतिक्रमण के कब्जा दिया जाए।

जमीन लौटाने की डेडलाइन दीजिए…

सुप्रीम कोर्ट को एक वकील ने बताया कि एक राजनीतिक पार्टी ने हाई कोर्ट की जमीन पर कब्जा कर लिया है। इस पर कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि वो लोक निर्माण विभाग के सचिव, वित्त सचिव और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के साथ मिलकर बैठक करें और अतिक्रमण हटाने का हल निकालें।

दिल्ली सरकार की तरफ से पेश वकील ने जवाब दिया कि ये अतिक्रमण नहीं है क्योंकि बंगला तो पहले से ही वहां था। लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि ये जमीन हाई कोर्ट को लौटानी ही होगी। कोर्ट ने सरकार को सोमवार तक हाई कोर्ट को वो जमीन सौंपने की समयसीमा दी है।

-एजेंसी

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