फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद अहमद सिद्दीकी को ईडी ने गिरफ्तार किया

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नई दिल्ली। आतंकवाद फंडिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में कार्रवाई तेज करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और अल-फलाह समूह के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक एजेंसी ने समूह के एक अकाउंटेंट को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। दिल्ली ब्लास्ट की जांच में यूनिवर्सिटी का लिंक सामने आने के बाद से ही सिद्दीकी निगरानी में था।

जांच एजेंसियों का कहना है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाली चैरिटेबल ट्रस्ट में सिद्दीकी ने अपनी पत्नी, बेटी और भाइयों को ट्रस्टी नियुक्त कर रखा था। इंटरनेट पर यूनिवर्सिटी से जुड़ा डेटा हटाए जाने के बाद एजेंसियों का संदेह और बढ़ गया। बताया जाता है कि सिद्दीकी का जन्म 15 नवंबर 1964 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ। बीटेक के बाद वह 1992 से 1994 तक जामिया मिलिया इस्लामिया में लेक्चरर भी रहे।

मंगलवार (18 नवंबर 2025) को ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के 19 स्थानों पर छापे मारे थे। इस दौरान भारी मात्रा में दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और करीब 48 लाख रुपये नकद जब्त किए गए। जांच में सामने आया कि ट्रस्ट फंड को अवैध रूप से परिवार की कंपनियों में स्थानांतरित किया जा रहा था। सिद्दीकी पर वित्तीय धोखाधड़ी के भी गंभीर आरोप हैं।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संचालन में व्यापक वित्तीय अनियमितताएं मिली हैं। ईडी यह पता लगा रही है कि इतनी बड़ी यूनिवर्सिटी खड़ी करने के लिए धन का स्रोत क्या था, खासतौर पर तब, जब सिद्दीकी पहले भी धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। दिल्ली ब्लास्ट केस में भेजे गए समन पर भी वह पेश नहीं हुआ था।

एजेंसी के मुताबिक अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना 1995 में हुई थी और शुरुआत से ही सिद्दीकी इसका मैनेजिंग ट्रस्टी है। ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी सीधे उनके नियंत्रण में हैं। जांच में यह भी सामने आया कि ट्रस्ट की वित्तीय वृद्धि वास्तविक आय के अनुरूप नहीं थी। कंस्ट्रक्शन, कैटरिंग और अन्य सेवाओं के कॉन्ट्रैक्ट परिवार की कंपनियों को दिए गए और कई शेल कंपनियों का उपयोग कर फंड की हेराफेरी की गई।

– एजेंसी

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