लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। प्रोफेसर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए दावा किया है कि धीरेंद्र शास्त्री धर्म की आड़ में महिला तस्करी करते हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई और जांच के बाद सही पाए जाने पर धीरेंद्र शास्त्री को फांसी देने की मांग की है।

https://x.com/Profravikant79/status/1950842272880476447
प्रोफेसर रविकांत ने अपनी पोस्ट में 28 जुलाई की रात मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र में पकड़ी गई एक एम्बुलेंस का जिक्र किया, जिसमें 13 महिलाओं को कथित तौर पर जबरन ले जाया जा रहा था। उन्होंने लिखा कि धर्म की आड़ में महिला तस्करी हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री इस गंभीर अपराध में शामिल है। रविकांत ने कहा कि मैंने जो बातें पोस्ट में लिखी हैं, उस पर कायम हूं। वीडियो में सब कुछ है और वीडियो की सत्यता की जांच के बाद ही मैंने फांसी की मांग की है।
https://x.com/Profravikant79/status/1950778147978502388
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री के ऊपर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि पहले भारतीयों के हाथों में हथकड़ी, फिर सीजफायर की धमकी। मोदी जी की ट्रंप से दोस्ती की और कितनी कीमत देश चुकाएगा। 70 देशों पर टैरिफ अमेरिका की दादागिरी का नमूना है। आज से ये टैरिफ लागू होना था। फिलहाल 7 दिनों के लिए टाल दिया गया है। भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया गया है। इसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ेगा। देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। क्या सभी देश मिलकर ट्रंप की इस दादागिरी का विरोध करेंगे?
https://x.com/Profravikant79/status/1950778147978502388
यह पहली बार नहीं है जब प्रोफेसर रविकांत चंदन विवादों में घिरे हैं। इससे पहले 2022 में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी प्रकरण में उनकी विवादित टिप्पणी को लेकर छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था और एक छात्र ने उन पर हमला भी किया था। हाल ही में, उन्होंने सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर भी विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी।
जून में ही लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति ने प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। अब एक बार फिर प्रोफ़ेसर ने विवादित टिप्पणी की है, जिसके बाद एक बार फिर विवाद बढ़ने की उम्मीद है।
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